उत्तम संयम धर्म के साथ महावीर तपोभूमि पर मना मुनि प्रज्ञासागर महाराज को जन्मोत्सव
उज्जैन। जो संयम धर्म का पालन करता है वह निरंतर गतिमान, गतिशील और उन्नति मान होता है। संयम धर्म अपने आप में अनूठा धर्म है। दसलक्षण पर्यूषण पर्व हमें जीने की कला सिखाते हैं एवं जीने का मार्ग प्रशस्त करते हैं यह धर्म नहीं बल्कि जीने का सिद्धांत है। आत्मा की शुद्धि का सिद्धांत है मनुष्य से भगवान बनने का सिद्धांत है।
यह बात श्री महावीर तपोभूमि में आयोजित धार्मिक शिविर में प्रभा दीदी ने कही। दिगंबर जैन समाज के सचिव सचिन कासलीवाल के अनुसार उत्तम संयम धर्म के साथ श्री महावीर तपोभूमि में मुनि प्रज्ञासागर महाराज का जन्म जयंती महोत्सव भी मनाया। जहां उत्तम संयम धर्म की आराधना के साथ-साथ विधि-विधान से पूजन संपन्न हुआ वहीं मुनि प्रज्ञासागर महाराज का भी पूजन संपन्न भक्तिपूर्वक हुआ। दोपहर में तत्वचर्चा एवं शाम को श्रीजी की आरती के साथ-साथ मुनि प्रज्ञासागर महाराज की आरती भी संपन्न हुई। जन्म जयंती महोत्सव में देश भर से लोग श्री महावीर तपोभूमि पहुंचे, जिन्होंने भक्ति भावपूर्वक कार्यक्रमों के साथ-साथ शिविरार्थियों की सेवा भी की।