सामाजिक न्याय मंत्री द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय में 02 छात्रावास के लिये 04 करोड़ 18 लाख रूपये स्वीकृत 18 माह में कार्य पूरा करने के निर्देश
उज्जैन। केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत द्वारा विक्रम
विश्वविद्यालय परिसर में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं हेतु 02 छात्रावास स्वीकृत किये गये हैं। 100-
100 सीटर के इन छात्रावासों में से 01 छात्रों के लिये व 01 छात्राओं के लिये है। इन छात्रावासों के
निर्माण के लिये केन्द्रीय सामाजिक न्याय विभाग द्वारा केन्द्रांश के रूप में कुल 04 करोड़ 18 लाख
62 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। स्वीकृत राशि में से 50 प्रतिशत राशि 02 करोड़ 09
लाख 31 हजार रूपये निर्गमित कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि स्वीकृत राशि में राज्य का अंश 01
करोड़ 49 लाख 96 हजार रूपये रहेगा। इस तरह दोनों छात्रावासों की कुल लागत 05 करोड़ 58 लाख
16 हजार रूपये रहेगी।
विक्रम विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु निर्मित किये जाने वाले 100 बिस्तरीय बालक
छात्रावास की कुल लागत 279.08 लाख रूपये होगी, जिसमें से केन्द्र के द्वारा 167.45 लाख रूपये
(60 प्रतिशत) तथा राज्य सरकार द्वारा 111.63 लाख रूपये (40 प्रतिशत) राशि लगाई जायेगी। पहली
किश्त के रूप में इसके लिये 83.73 लाख रूपये की राशि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को जारी
की गई है। इसी प्रकार विक्रम विश्वविद्यालय में अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के लिये निर्मित किये
जाने वाले 100 बिस्तरीय छात्रावास की कुल लागत 279.08 लाख रूपये आयेगी, जिसमें केन्द्र के
द्वारा 90 प्रतिशत राशि रूपये 251.17 तथा राज्य सरकार द्वारा 10 प्रतिशत राशि रूपये 27.91 लाख
रूपये व्यय की जायेगी। इसके लिये केन्द्र द्वारा प्रथम किश्त के रूप में 125.58 रूपये की राशि जारी
कर दी गई है।
कार्य के सम्बन्ध में भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा निर्देश
जारी किये गये हैं कि निर्माण कार्य में योजनान्तर्गत निर्धारित मापदण्डों का पूर्ण रूप से पालन किया
जायेगा। निर्माण कार्य स्वीकृति के पश्चात 18 महीने में अथवा केन्द्रीय सहायता राशि उपलब्ध कराये
जाने के 02 वर्ष के अन्दर पूर्ण कर लिये जायें। पहली किश्त का उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी किये जाने
के बाद ही अगली किश्त जारी की जायेगी। केन्द्रीय राशि का उपयोग न किये जाने की स्थिति में राज्य
सरकार राशि लौटाने के लिये जिम्मेदार होगी तथा उस पर 10 प्रतिशत ब्याज भी देय होगा। यह भी
निर्देश दिये गये हैं कि कार्य की त्रैमासिक भौतिक प्रगति की जानकारी केन्द्र सरकार को नियमित रूप
से भिजवाई जायेगी।
राज्य सरकार द्वारा केन्द्रीय सहायता राशि के सम्बन्ध में पृथक लेखा संधारित किया जायेगा।
भारत सरकार के कंट्रोलर एवं ऑडिटर जनरल के कार्यालय द्वारा कभी भी इस खाते का निरीक्षण
किया जा सकेगा। निर्मित होने वाले होस्टल्स में बिजली की बचत के लिये सोलर पैनल, एलईडी लाइट
आदि लगाने के भी निर्देश दिये गये हैं।