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दुल्हन की तरह सजी तपोभूमि, सजाया अनोखा मंडल



यूँ तो हर मंदिर में मनमोहक मंडलजी की रचना धूप दशमी के अवसर पर की गयी। परन्तु इस बार तपोभूमि में अनोखा मण्डलजी बनाया गया है। जिसमें ना कोई तीर्थ की रचना है, ना कोई महापुरुष का जीवंत चित्रण..ना ही किसी प्रकार की भव्यता को लिए कोई रचना। इस बार तो एक नया सन्देश देता नजर आ रहा है ये मंडल जी। पूज्य गुरुदेव तपोभूमि प्रणेता मुनिश्री प्रज्ञा सागर महाराज की प्रेरणा से पूरे देश में जनहित में एक अनोखा संकल्प अभियान प्रारंभ किया गया है। इस परमाणु व्रत संकल्प अभियान में ऐसे संकल्प दिलाये गये है जो अपने आप में अनूठे है। जिसमें प्रथम गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल से बात नहीं करने का संकल्प, दूसरा घर के बाहर एवं घर में झूठा नहीं छोड़ने का संकल्प, तीसरा भारत में जहां-जहां जिन जिन होटलों में वेज नॉन-वेज साथ में बनता हो उन होटलों में खाने का त्याग, चैथा घर में टीवी देखते एवं मोबाइल पर बात करते हुए खाने का त्याग, पांचवा मुनि निंदा करने एवं सामाजिक विवाद में पड़ने का त्याग साथ ही मोबाइल में आने वाले मुनि निंदा के एसएमएस को फॉरवर्ड करने का त्याग करते हुए विजातीय विवाह करने का त्याग एवं आत्महत्या करने का भी त्याग करता हूँ। ये छोटे छोटे संकल्प शायद कुछ लोगो को कठिन लग सकते है। इस अनोखे सन्देश के साथ इस बार श्री महावीर तपोभूमि में धूप दशमी पर ये अदभुत मंडलजी बनाया गया है। यदि इस मण्डलजी को पढ़ कर किसी एक के द्वारा भी ये संकल्प लिए जाते है तो समझना हमारा दस लक्षण पर्व मनाना सार्थक हुआ।

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