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Home - उज्जैन << उत्तम संयम धर्म के साथ बना पर्यूषण महापर्व का छटवा दिन पन्ना, हीरा, मोती, माणिक से भी उत्तम रत्न है संयम रत्न सुगंध दशमी के अवसर पर सभी मंदिरों में विशेष विद्युत सज्जा एवं मंडलजी की रचना हुई तपोभूमि में सजाया एक अनोखा मंडल

उत्तम संयम धर्म के साथ बना पर्यूषण महापर्व का छटवा दिन पन्ना, हीरा, मोती, माणिक से भी उत्तम रत्न है संयम रत्न सुगंध दशमी के अवसर पर सभी मंदिरों में विशेष विद्युत सज्जा एवं मंडलजी की रचना हुई तपोभूमि में सजाया एक अनोखा मंडल



उज्जैन। पन्ना, मुंगा, माणिक, हीरा ये सब तो मात्र पत्थर है इन रत्नो से भी उपर इंसान का अपना स्वयं का रत्न है संयम रत्न। जिसने संयम रत्न धारण कर लिया उसको फिर और कोई रत्न धारण करने की जरूरत नही होती संयम रत्न के आगे सभी रत्न फिके हैं। नियम पालन मन से करो जबरजस्ती कभी मत करना। नियमो को अपने हिसाब से तोडना मरोडना भी नही चाहिए। कडे नियमों को पालन करना ही संयम रत्न का धारण करना कहलाता है।
संयम धर्म पर आधारित यह उद्बोधन डॉ. प्रभा दीदी ने देते हुए कहा कि उत्तम संयम पाले जो ज्ञाता, नरभव सफल कर लें साता। अर्थात उत्तम संयम धर्म का जो पालन कर लेता है वही इस मनुष्य रूपी भव को पार कर लेता है। गुरूवार को उत्तम संयम धर्म की पूजा के साथ दस लक्षण धर्म की पूजा भी श्री महावीर तपोभूमि में हुई। दिगंबर जैन समाज के सचिव एवं मीडिया प्रभारी सचिन कासलीवाल ने बताया कि उज्जैन के सभी मन्दिरो में विशेष साज-सज्जा एवं मण्डलजी की रचना सुगंध दशमी के अवसर पर की गई। वहीं श्री माहावीर तपोभूमि सिद्ध क्षेत्र मे विशेष विद्युत सज्जा कर दुल्हन की तरह सजाया गया। जिसको देखने के लिए उज्जैन की जैन समाज ही नही अपितु आजू-बाजू के गाॅव वाले भी श्री महावीर तपोभूमि पहुॅचे। साथ ही साथ विशाल मण्डलजी की रचना की गई जिसमें मन्दिर मण्डलजी को दिखाया गया। तपोभूमि में श्रावक संस्कार शिविर में सम्मिलित लोगों के लिए धूप दशमी के अवसर पर सभी दिगम्बर जैन मन्दिरो में दर्शन के लिए वाहन व्यवस्था रखी गई थी। सभी शिविरार्थी एक जैसे वस्त्रो में दर्शन एवं धूप खैने मन्दिरजी पहुंचे। शिविरार्थियों की सम्पूर्ण व्यवस्था तपोभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष अषोक जैन चायवाला, राजेन्द्र लोहाडिया, धर्मेन्द्र सेठी, हंसराज जैन, हेमंत गंगवाल, ओम जैन, देवेन्द्र जैन, संजय जैन, सुनिल जैन, विमल जैन, भूषण जैन, पवन बोहरा, इन्दरमल जैन, रमेष जैन, एकता ज्वेलर्स, सुशीला कासलीवाल, पंडीत विशाल जैन, गुलजारीलाल बाबा, प्रज्ञा कला मंच की महिलाएं एवं प्रज्ञा पुष्प की बालिकाओं द्वारा की गई। 5 उपवास करने वालों में सुशीला देवी कासलीवाल के लिए भक्ति में कार्यक्रम के साथ साथ विनती का भी कार्यक्रम रखा गया था

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