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भावान्तर योजना का पंजीयन 01 से 15 अक्टूबर के बीच कृषि मंत्री ने प्रेस से चर्चा की


 

उज्जैन 30 अगस्त। कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने सिंहस्थ मेला कार्यालय में प्रेस से चर्चा
करते हुए बताया कि हाल ही में प्रदेश सरकार की केबिनेट द्वारा किसानों के हित में सम्पूर्ण राष्ट्र में
पहली बार भावान्तर योजना को प्रारम्भ करने की मंजूरी दी गई है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि
उनके विभाग द्वारा ट्रेक्टर एवं कृषि यंत्रों के अनुदान पर क्रय के लिये एमपी एग्रो इण्डस्ट्रीज की
अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। किसान अब सीधे एजेन्सी से कृषि यंत्र एवं ट्रेक्टर का क्रय कर
सकते हैं। इसी तरह उन्होंने बताया कि उज्जैन संभाग के शाजापुर एवं रतलाम जिले में शीघ्र ही कृषि
यांत्रिकी कार्यालय खोला जायेगा।
भावान्तर योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि यह योजना
किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने और मण्डी दरों में गिरावट से
किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये बनाई गई है। यह योजना खरीफ 2017 के लिये पायलेट
योजना के रूप में चलाई जायेगी। इसके लिये किसानों का पंजीयन 15 अक्टूबर तक भावान्तर भुगतान
योजना पोर्टल पर किया जायेगा। धान और गेहूँ क्रय करने वाली तीन हजार प्राथमिक कृषि सहकारी
संस्थाओं में पंजीयन किया जायेगा। योजना का लाभ मध्यप्रदेश के किसान राज्य सरकार द्वारा
अधिसूचित फसल पर ले सकेंगे। योजना में शामिल फसलों में सोयाबीन, मूँगफली, तिल, रामतिल,
मक्का, मूँग, उड़द और तुअर हैं। योजना में पंजीयन के बाद किसानों को यूनिक आईडी प्रदान किया
जायेगा। आदर्श विक्रय दर की गणना मध्यप्रदेश तथा दो राज्यों की मॉडल मण्डी दरों का औसत होगी।
भावान्तर भुगतान योजना में अंतर की राशि किसान के खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से
जमा करवाई जायेगी।

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