सीवरेज परियोजना में सुझावों पर अमल किये बिना प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा
उज्जैन। शहर की भूमिगत सीवरेज परियोजना तथा नगर निगम में व्याप्त अव्यवस्थाओं के संबंध में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ ने निगमायुक्त को पत्र लिखा तथा संभागायुक्त से मुलाकात की। वशिष्ठ ने संभागायुक्त से कहा कि शहर हित में सीवरजे परियोजना जैसी महत्वकांक्षी योजना में सुझावों पर अमल किये बिना प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया। वहीं झोन क्रमांक 3 के अध्यक्ष का निर्वाचन आज तक नहीं हुआ। बोर्ड गठन 4 सितंबर 2015 को हुआ था। लगभग दो साल बीत जाने के बाद भी झोन के अध्यक्ष पद का निर्वाचन नहीं किया जाना सीधा-सीधा म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियमों का उल्लंघन है। संभागायुक्त से भेंटकर अनुरोध किया कि झोन क्रमांक 3 के अध्यक्ष पद के निर्वाचन के संबंध में उचित निर्णय प्रदान करें।
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र वशिष्ठ के अनुसार शहर का सीवरेज सिस्टम बनाकर सीवर लाईन बिछाई जाने का प्रस्ताव 25 अगस्त को नगर निगम की मेयर इन काउंसिल ने परियोजना को स्वीकृत कर राज्य शासन को भेजा है। परियोजना के अंतर्गत सीवरेज सिस्टम की योजना जिस कंपनी ने बनाई है उसके प्रजेंटेशन के समय परियोजना में संशोधन किये जाने हेतु सुझाव दिये गए थे किंतु सुझावों पर ध्यान नहीं दिया गया और परियोजना को मंजूर कर राज्य शासन को भेजी गई।
वशिष्ठ ने कहा कि योजना के अंतर्गत सीवर लाईन बिछाये जाने और मुख्य लाईन से प्रत्येक घर की लाईन को जोड़ने पर शहर की सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाएगी इसमें खोदी गई सड़कों की मरम्मत के लिए केवल 40 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जबकि योजना में 455 किलो मीटर की सड़कों की खुदाई की जाएगी। पूरे शहर की सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाएगी और प्रत्येक घर की लाईन को जब मुख्य लाईन से जोड़ेंगे तो वर्तमान में निर्मित सड़कें पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। वशिष्ठ ने सुझाव दिया कि 455 किलोमीटर की सड़कों को मरम्मत करने की बजाए पूरी नए सीरे से बनाई जाना चाहिये और इसके लिए योजना में करीब 150 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा जाना चाहिये। अन्यथा पाईप लाईन बिछाने के बाद कई वर्षों तक आने वाले समय में शहर की सड़कें क्षतिग्रस्त पड़ी रहेंगी और नगर निगम की आय इतनी नहीं है कि वो क्षतिग्रस्त सड़कों को नई बना सकें।
योजना के अंतर्गत शहर की सड़कों की खुदाई की जाएगी तो उसमें बारिश के पानी की निकासी का प्लान भी साथ में स्वीकृत करना चाहिये अन्यथा अभी सीवर लाईन खुदेगी और आने वाले समय में बारिश के पानी की योजना बनेगी और अगर बारिश के पानी निकासी की कोई योजना नहीं बनाई गई तो शहर बारिश में पूरी तरह से डूब जाएगा। साथ ही अन्य लाईनों के लिए डक का प्रावधान भी किया जाना चाहिये। योजना के अंतर्गत अभी जीआईएस आधार पर सर्वे किया गया जबकि प्रोजेक्ट बनाने के पूर्व ही डोर टू डोर सर्वे कराया जाना चाहिये था।