एक ही पांडाल से निकले 311 गजानंद
उज्जैन। 22 अगस्त को एक साथ 3672 भगवान गणेश की मूर्तियों के निर्माण का आयोजन कर इसे गोल्डन बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड में दर्ज कराने के बाद शुक्रवार को 311 मिट्टी की मूर्तियों का एक ही पांडाल से वितरण कर लोकमान्य तिलक गणेशोत्सव महाआयोजन समिति ने चार दिन के भीतर ही दूसरी बार गोल्डन बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया। पर्यावरण संरक्षण एवं देवताओं के श्रध्दा एवं सम्मान के उद्देश्य से प्रारंभ हुए इस पुनित कार्य में सामाजिक संस्थाओं के साथ सभी धर्मावलंबियों ने सहयोग कर सफल बनाया।
मंडी प्रांगण में आयोजित हुए इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय सामाजिक एवं न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत उपस्थित थे। गोल्डन बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड के प्रवक्ता डाॅ. मनीष विश्नोई ने प्रमाण पत्र प्रेषित किया। संयोजक अनिल जैन कालूहेड़ा ने स्वागत भाषण दिया। शहर के 100 से अधिक समाज प्रमुखों को माला एवं दुपट्टा पहनाकर सुरेन्द्रसिंह अरोरा, गोविंद शर्मा, रामचंद्र कोरट ने अभिनंदन किया। मंच पर बालयोगी उमेशनाथ महाराज, भृतहरी के गादीपति रामनाथजी, उर्जा मंत्री पारस जैन, विधायक डाॅ. मोहन यादव, महापौर मीना जोनवाल, इंदौर विधायक रमेश मेंदोला, मंडी अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला, रमेशचंद्र शर्मा, प्रदीप पांडे, बाबूलाल जैन, जगदीश अग्रवाल, ओम जैन, सोनू गेहलोत, करूणा आनंद जैन, दिलीप गुप्ता, जितेन्द्र अग्रवाल आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। संकल्प सांसद जटिया ने करवाया। संचालन सहसंयोजक जगदीश पांचाल ने किया एवं आभार रामचंद्र कोरट ने माना। प्रथम मूर्ति महापौर मीना जोनवाल को प्रदान की गई तत्पश्चात जिला प्रशासन, मंडी प्रशासन, प्रेस क्लब, जिला चिकित्सालय, माधवनगर आदि को मंच से मूर्तियां प्रदान की गई।