स्वाइन फ्लू से घबराएं नहीं, सचेत रहें
उज्जैन । स्वाइन फ्लू एच-1एन-1 बीमारी वाइरस संक्रमणकारी है। सामान्यत: इसका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी के सम्पर्क में आने के कारण होता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वाइन फ्लू का संक्रमण जुलाई से फरवरी माह में ज्यादा सक्रिय होता है, इसलिये एहतियात बरतने की आवश्यकता है।
सर्दी, जुकाम, बुखार, गला खराब, खांसी, तेज सिरदर्द, सांस लेने में परेशानी आदि गंभीर निमोनिया जैसे लक्षण नजर आने पर उन्हें नजरअन्दाज न करें। नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में परीक्षण करवा कर फ्लू पाये जाने की स्थिति में चिकित्सक की सलाह अनुसार दवा का पूरा कोर्स लें और आराम करें। गर्म तरल पदार्थ का अधिकाधिक सेवन करें। नाक, मुंह या आंखों का स्पर्श करने से पहले तथा बाद में हाथों को साबुन से धोयें। खांसते व छींकते समय मुंह एवं नाक पर कपड़ा रखें। इससे स्वाइन फ्लू होने और फैलने से बचाव होगा।
केन्द्र शासन ने स्वाइन फ्लू की दवा ओसेल्टामिवीर फास्फेट और जनमिवीर को शिड्यूल एक्स से हटाते हुए शिड्यूल एच-1 में शामिल किया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य और पर्यावरण कल्याण मंत्रालय द्वारा इनके विक्रय, निर्माण और वितरण के लिये निर्देश जारी किये गये हैं।
कोई व्यक्ति स्वयं या अपनी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा औषध नियंत्रक (भारत) के लिखित पूर्व अनुमोदन के बिना दवा के विक्रय या वितरण के लिये विनिर्माण नहीं करेगा। शिड्यूल एच-1 की शर्तें इन औषधियों और उन पर आधारित निर्मिति पर लागू होंगी, लेकिन ओसेल्टामिवीर फास्फेट और जनमिवीर दवा का या उन पर आधारित विनिर्मिति का निर्यात केन्द्रीय सरकार के परामर्श से ही किया जा सकेगा।
ओसेल्टामिवीर फास्फेट और जनमिवीर औषधि का निर्माण करने वाले निर्माता को हर माह औषध नियंत्रक (भारत) को एक विवरणी प्रस्तुत करनी पड़ेगी, जिसमें वितरक, स्टॉकिस्ट और डीलर को की गयी आपूर्ति की जानकारी देनी पड़ेगी। हर वितरक स्टॉकिस्ट और डीलर को अपने राज्य के अनुज्ञापन प्राधिकारी को उपलब्ध मात्रा की जानकारी महीने के अंत तक देनी होगी।
केमिस्ट के पास भी मिलेगी स्वाइन फ्लू की दवा
प्रदेश की सभी दवा की दुकानों में स्वाइन फ्लू में दी जाने वाली दवा टेमीफ्लू उपलब्ध रहेगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्वाइन फ्लू की दवाओं जैसे- ओसाल्टामिविर और जेनामिविर को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली-1945 के तहत शेड्यूल-एक्स से हटाकर शेड्यूल-एच-1 में शामिल किया है।
पहले स्वाइन फ्लू दवा के शेड्यूल-एक्स में होने से इसके लिये अलग से लायसेंस दिया जाता था। यह दवा दूसरी दवाओं के साथ न रखते हुए लायसेंस प्राप्त अस्पतालों में तालाबंद रखी जाती थी। अब एच-1 में शामिल होने से फुटकर दवा विक्रेता भी इसे रख सकेंगे और आवश्यकता होने पर मरीज के परिजन डॉक्टर के पर्चे पर केमिस्ट से खरीद सकेंगे। दुकानदार के लिये अलग से लायसेंस लेने की आवश्यकता नहीं होगी।