प्रशासन ने यज्ञ के लिए नहीं बनाने दिया हवन कुंड
गुरूपूर्णिमा से चल रहे भंडारे का समापन-योगी बमबम नाथ ने बताया प्रशासन की हठधर्मिता
उज्जैन। तपस्वी योगी बमबम नाथ महाराज सेवा समिति द्वारा गुरूपूर्णिमा पर्व से चल रहे भंडारे का समापन शाही सवारी के साथ किया। महाकालेश्वर मंदिर के पीछे विक्रम टेकरी के पास चल रहे भंडारे का समापन योगी बमबमनाथ यज्ञ के साथ करना चाहते थे किंतु प्रशासन ने हवन कुंड नहीं बनने दिया तथा अमले ने इसे बनने से रोक दिया जिसे बाबा ने प्रशासन की हठधर्मिता बताया है।
योगी बाबा बमबमनाथ के अनुसार वे कई वर्षों से गुरूपूर्णिमा से महाकालेश्वर की आखिरी सवारी तक भंडारे का आयोजन करते हैं जिसमें श्रध्दालुओं को सुबह चाय, पोहा, टोस और फल तथा दोपहर में भोजन प्रसादी का वितरण किया जाता है। इसमें कावड़ यात्री एवं बाहर से आये हुए श्रध्दालु एवं भक्त भोजन प्रसादी प्राप्त करते हैं। इसके अलावा दवाई आदि भी यहां से वितरित की जाती है। लेकिन प्रशासन द्वारा नागपंचमी पर्व के पूर्व भोजनशाला हटाने के लिए कहा गया कि यहां पर जूता स्टैंड लगेगा। जबकि उस समय भी यहां सतत रूप से भंडारे का आयोजन चल रहा था। वर्षों से परंपरानुसार आखिरी सवारी वाले दिन मंदिर परिसर की सजावट, पांचों समय का बाबा महाकाल का श्रृंगार, लड्डूओं का भोग, 51 पंडितों द्वारा महामृत्युंजय जाप, सभी पंडित पुजारियों को फल, वस्त्र एवं दक्षिणा भेंट बाबा बमबमनाथ करवाते हैं। इसी आयोजन का समापन भी बाबा भोजनशाला के बाहर एक हवन कुंड बनाकर यज्ञ कर करना चाहते थे। लेकिन प्रशासन ने हवन कुंड नहीं बनने दिया और तमाम प्रशासनिक अमले ने हवन कुंड बनने से रोक दिया। बाबा बमबमनाथ का कहना है कि महाकाल मंदिर के सामने मस्जिद तो बन रही है वह भी प्रशासन की सुरक्षा में लेकिन हम यज्ञ नहीं कर सकते। इस देश में दो विधान कब तक चलेंगे। देश में दो विधानों के चलते वह दिन दूर नहीं जब हमें फिर गुलाम होना पड़ेगा। ऐसा लगता है कि सारे धर्म के ठेकेदार सत्ता की झोली में रहते हैं और सत्ता पाने वाले को जब आवश्यकता पड़ती है तो इन धर्म के ठेकेदारों को बाहर निकाल कर हिंदूओं को गुमराह कर अपनी स्वार्थ सिध्दि कर लेते हैं। यह देश के साथ ही नहीं सनातन धर्म के साथ भी धोखा है।