गायत्री शक्तिपीठ पर युवाओं के लिए हुई व्यक्तित्व विकास कार्यशाला संपन्न
उज्जैन। सामाजिक सेवा के किसी भी कार्य में सफलता साथी-सहयोगियों की मेहनत और सहयोग से ही मिलती है। अतः सभी तरह की सफलता के लिए अपने सहयोगियों को श्रेय दिया जाना चाहिए।
यह उद्गार मध्यक्षोन भोपाल के समन्वयक नारायणप्रसाद शर्मा ने गायत्री शक्तिपीठ पर सोमवार को युवाओं के लिए व्यक्तित्व विकास कार्यशाला में व्यक्त किए। आपने युवाओं की चाहत ‘चाहे जो हो मजबूरी, मांग हमारी हो पूरी’ के संदर्भ में युवाओं से अनुरोध किया कि अपने अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ही व्यय की मांग करनी चाहिए। इस दायित्व को संभालने के बाद नारायणप्रसाद शर्मा का उज्जैन का यह पहला प्रवास था। यहाँ पर उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। उपक्षोन उज्जैन के समन्वयक महाकालेश्वर श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण में उज्जैन उपक्षोन को प्रदेश में अग्रणी बनाए रखने का अपना संकल्प दुहराया। डाॅ. शशिकांत शास्त्री ने पावर प्वाइंट के माध्यम से कार्यशाला में शामिल युवाओं और गायत्री परिजनों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि ज्ञान से चरित्र महान है, इसलिए आप अपना रोल मॉडल चरित्रवान व्यक्ति को बनाए। प्रचार प्रसार सेवक देवेन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार कार्यशाला में नंदकिशोर पाटीदार, संदीप विश्वकर्मा, सुरेश जीनवाल, माधुरी सोलंकी, सतीश शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में करीब 80 छात्रों तथा इतने ही गायत्री परिवार के सदस्यों ने भागीदारी की।