खाराकुआ पेढ़ी उपाश्रय में प्रवचन के साथ हुई कल्पसूत्र की बोली
उज्जैन। श्वेतांबर जैन समाज के पर्यूषण पर्व अंतर्गत रविवार को खाराकुआ स्थित श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी उपाश्रय में प्रवचन हुए। आचार्य नंदीवर्धन सागर महाराज की निश्रा में युवा मुनि हीरसागरजी महाराज ने उपस्थितजनों को धर्म के कर्तव्य बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति शास्त्र में निहित कर्तव्यों का पालन करता है उसे जीवन जीने की सही दिशा मिल पाती है। पर्युषण पर्व हमें यही सिखाता है कि हम सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव पर दया करें और सभी तरह की जीव हिंसा से बचें। जीवदया का सबसे अच्छा माध्यम पौषध नियम है। इसके पालन से हम समस्त जीवों के प्रति दया भाव प्रकट कर सकते हैं।
प्रवचन दौरान कल्पसूत्र शास्त्र की विभिन्न बोलियां भी लगी। पेढ़ी सचिव जयंतीलाल तेलवाला के अनुसार पर्युषण पर्व अंतर्गत 22 अगस्त को प्रभु का जन्म वाचन मनेगा। कल्पसूत्र की बोली का लाभ बाबूलाल जैन बिजलीवाला परिवार ने लिया। प्रवचन दौरान पेढ़ी अध्यक्ष महेन्द्र सिरोलिया, ट्रस्टी गौतमचंद धींग, संजय ज्वेलर्स, रमणलाल जैन, प्रकाश नाहर, प्रमोद जैन, दिलीप सिरोलिया, तेजकुमार सिरोलिया सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।
पर्युषण में तपस्याओं का दौर @ पर्युषण पर्व में जैन समाज के दर्जनों महिला-पुरूष तीन से लेकर आठ व इससे अधिक गरम जल उपवास की तपस्याएं कर रहे हैं। इन पर्युषण के आठ दिनों में तपस्या का विशेष महत्व है। इस कारण कम उम्र के बच्चे भी तपस्या कर रहे हैं। साथ ही जैन धर्मावलंबियों ने हरी सब्जी, फल-फ्रूट व रात्रि भोजन का भी त्याग कर रखा है।