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कटी अंगुलियां जोड़ी, मौत के मुंह से निकालकर दिया नया जीवन


उज्जैन। दुर्घटना में घायल एक महिला जहां हमेशा अपनी अंगुलियों को खो देने की कगार पर थी वहीं पुरूष का जीवन ही दाव पर लगा था। दोनों का इलाज उज्जैन जिले में संभव नहीं देख डाॅक्टरों ने इंदौर के लिए रैफर कर दिया लेकिन उज्जैन के डाॅ. उमेश जेठवानी ने न सिर्फ महिला की कटी अंगुलियां जोड़ दी बल्कि पुरूष को भी नया जीवन मिल गया।

ज्योति पति विजय माली उम्र 24 वर्ष की एक दुर्घटना में हाथ की दो उंगलियां कट गई थीं। ज्योति के परिजन उसे महिदपुर के अस्पताल में लेकर गए जहां से डाॅक्टर ने उसे इंदौर रैफर कर दिया। परिजन ज्योति को लेकर गुरूनानक अस्पताल पहुंचे जहां पर डाॅक्टर जेठवानी ने माइक्रोवस्क्युलर रीकन्सट्रक्शन पध्दति से आॅपरेशन कर अंगुलियों को फिर से जोड़ा। वर्तमान में ज्योति की दोनों अंगुलियां पूर्ण रूप से काम कर रही हैं। डाॅ. जेठवानी के अनुसार इस तरह के आॅपरेशन अंग कटने के 4 से 6 घंटे के भीतर ही करना संभव होता है। इस तरह के आॅपरेशन पहले महानगरों में ही करना संभव था किंतु अब इस तरह के इलाज के सुविधा अब शहर के गुरूनानक अस्पताल में भी उपलब्ध है। 

कैलाश परमार उम्र 35 वर्ष निवासी पचलाना तहसील नागदा दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। कैलाश के परिजन उसे नागदा के अस्पताल में लेकर गए जहां से उसकी गंभीर स्थिति को देखकर इंदौर के लिए रैफर कर दिया गया। परिजन उसे गुरूनानक अस्पताल में लेकर आए जहां पर जांच में पता चला कि कैलाश के पेट में ढाई लीटर खून बह गया था, तिल्ली फट गई थी तथा ढाई फीट आंतें भी फट गई थी इसके अलावा ब्लड प्रेशर 60/80 एमएमएचक्यू आ रहा था। डाॅक्टर उमेश जेठवानी ने तुरंत आॅपरेशन कर पेट में जमा खून को निकाला और तिल्ली को भी निकाला और राइट हेमोकोलेक्टोमी पध्दति से आॅपरेशन कर आंतों को भी निकाला। आॅपरेशन के बाद मरीज को 2 दिन वेंटीलेटर पर रखा गया और 5 बोतल खून भी चढ़ाया गया। अब कैलाश की हालत सामान्य है।

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