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अखाड़ों व आश्रमों के बीच भेदभाव बर्दाश्त नहीं- परमहंस अवधेशपुरी महाराज


 
उज्जैन। किसी एक संत को प्रसन्न करने के लिए सैकड़ों संतों की उपेक्षा नहीं की जा सकती। सिंहस्थ के बाद मुख्यमंत्री ने संकल्प के साथ बात कही थी कि एक भी अखाड़े व आश्रम के काम अधूरे नहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें उनकी प्रतिज्ञा याद दिलाएंगे। 
यह बात परमहंस डाॅ. अवधेशपुरी महाराज ने नीलगंगा सरोवर पर गुरूवार शाम आरती के दौरान कही। हुआ यूं कि वे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्रगिरी महाराज के साथ नीलगंगा आरती में भाग लेने पहुंचे थे। जहां श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी ने स्थानीय आश्रमों में काम न होने की बात कही। इस पर स्थानीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री परमहंस डाॅ. अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि जिस नियम एवं कानून के अंतर्गत सिंहस्थ के बाद एक अखाड़े के लिए राशि स्वीकृत होकर टेंडर पास हुआ है। उसी नियम व कानून के अंतर्गत अन्य अखाड़ों व स्थानीय आश्रमों के अधूरे निर्माण कार्य भी होने चाहिये। अन्य अखाड़ों व स्थानीय आश्रमों के बीच भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महाराजजी ने यह भी कहा कि शासन के पास पैसे की कमी नहीं है। शासन को ठीक दिशा में मार्गदर्शित करने की आवश्यकता है और वे इस दिशा में मुख्यमंत्री से मिलकर प्रयास करेंगे। 

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