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दिल से निकली बात दिलों को छू गई, मुख्यमंत्री ने रेडियो एवं टीवी के माध्यम से किसानों से चर्चा की


 

      उज्जैन । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश के किसान भाईयों से अपने दिल की बात रेडियो एवं टेलीविजन के माध्यम से कही। स्थान-स्थान पर किसानों एवं आमजन द्वारा उनकी बात को ध्यान से सुना गया एवं किसानों के लिये उनके मन में चल रहे सकारात्मक चिन्तन की सराहना की गई। उज्जैन के ग्राम हामूखेड़ी में विधायक डॉ.मोहन यादव ने मुख्यमंत्री के ‘दिल से’ कार्यक्रम को ग्रामीणों के साथ सुना।

      मुख्यमंत्री ने ‘दिल से’ में कहा कि किसान भाई कम बारिश से चिन्ता न करें, आने वाले समय में अच्छी बारिश होगी। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये गोसंवर्द्धन योजना चलाई जा रही है। इसके तहत 10 लाख रूपये तक की परियोजना स्वीकृत की जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्याज के भण्डारण की व्यवस्था नहीं होने से इस वर्ष समस्या आई थी। अब किसानों को 50 मैट्रिक टन के भण्डार गृह बनाने के लिये 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों से 8 रूपये प्रतिकिलो प्याज एवं 5500 रूपये प्रतिक्विंटल पर तुअर खरीदकर किसानों को उनकी उपज का मूल्य दिलाया गया है।

      मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हित में बड़े फैसले लेने पड़ते हैं। आपदा जैसी स्थिति में किसानों को सरकार ने कवच प्रदान करने का फैसला लिया है। यही नहीं गंभीर बीमारी की स्थिति में भी किसानों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से राशि उपलब्ध कराई जायेगी। कृषि कार्य करते समय मृत्यु होने पर चार लाख रूपये तक की राहत राशि एवं स्थाई अपंगता होने पर एक लाख रूपये तक की राशि प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल के नुकसान होने पर सिंचित फसल पर 15 हजार रूपये प्रति एकड़ एवं सब्जी एवं मसाला फसलों पर 26 हजार रूपये प्रति एकड़ की राहत राशि प्रदान की जाती है। पशुहानि पर भी सहायता दी जाती है। प्राकृतिक आपदा आने पर ऋण की वूसली स्थगित की जाती है।

मालवा क्षेत्र में भूजल स्तर रोकने के गंभीर प्रयास

      मुख्यमंत्री ने कहा कि मालवा क्षेत्र में भूजल स्तर एक हजार फीट नीचे चला गया था, जिसको रोकने के लिये शिप्रा-नर्मदा लिंक परियोजना पूर्ण कर ली गई है। अब नर्मदा को गंभीर से जोड़ने का काम चल रहा है। भविष्य में नर्मदा का पानी कालीसिंध व पार्वती में भी डाला जायेगा और इस सब से मालवा के छह लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित की जायेगी।

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