हृदय रोग से पीड़ित आस्था को मिला नया जीवन, वरदान बनी मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना
उज्जैन । आस्था अब सामान्य बच्चों की तरह जीवन जी सकती है। खेल सकती है, दौड़ सकती है और खिलखिला कर हंस सकती है। उसके चेहरे पर ये हंसी आई है उसके दिल के छेद के सफलतापूर्वक ऑपरेशन के बाद। मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना उसके लिये वरदान साबित हुई है।
तीन साल की आस्था हृदय रोग से पीड़ित थी। वह जब दौड़ने का प्रयास करती तो हांफ जाया करती थी, उसकी सांस भर जाती और शरीर नीला पड़ जाया करता था। यह देखकर उसके पिता विजय जाधव निवासी हीरा मील की चाल उज्जैन ने जब निजी चिकित्सालय में आस्था का परीक्षण करवाया तो चिकित्सक द्वारा बताया गया कि बच्ची के दिल में छेद है। इसके उपचार में लगभग 01 लाख 50 हजार रूपये का खर्च बताया गया।
आस्था के माता-पिता मजदूरी करके परिवार चलाते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे बच्ची का इलाज करवा सकें। कुछ समय बाद आंगनवाड़ी केन्द्र पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम दल ने रूटीन चैकअप के दौरान आस्था के परीक्षण में उसके दिल में छेद पाया। उन्होंने तत्काल उसके माता-पिता को समझाकर ‘जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (DEIC)’ जिला चिकित्सालय उज्जैन रैफर किया, जहां पर पदस्थ स्टाफ द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना की जानकारी देकर उसके नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की गई। इन्दौर स्थित मेदांता अस्पताल में डॉ.शैलेन्द्र त्रिपाठी द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि 01 अप्रैल 2017 से 31 जुलाई 2017 तक जिले में मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के अन्तर्गत 20 हितग्राहियों को पंजीकृत कर 22 लाख 73 हजार की सहायता राशि स्वीकृत करवाकर उपचार करवाया गया है। शून्य से 18 वर्ष की उम्र तक का कोई भी हितग्राही इस योजना का लाभ नि:शुल्क प्राप्त कर सकता है। कोई भी ऐसा प्रकरण किसी के सामने आता है तो जिला चिकित्सालय में स्थित ‘जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (DEIC)’ पर सम्पर्क कर उपचार का लाभ लिया जा सकता है।