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शैव और वैष्णव दोनों मिलकर एक ही दिन जन्माष्टमी मनावे


उज्जैन। हिंदू समाज को संगठित रखने के लिए ज्योतिषानुसार मत-मतांतर होते हैं। इसलिए हिंदू समाज की शक्ति कमजोर होती है। महाकाल सेना परंपरा और धर्मशास्त्र को मध्य नजर रखते हुए नगर के समस्त विद्वान, ज्योतिषाचार्य, धर्माचार्य से आग्रह करती है कि जयोतिष अनुसार पल और घड़ी के अंतर से जो दो-दो त्यौहार मनाये जाते हैं उसे बहूमत एवं शास्त्र संमत, विचार करते हुए एक ही दिन त्यौहान मनाने की अपील करना चाहिये। 

महाकाल सेना के राष्ट्रीय प्रमुख महेश पुजारी ने नगर के विद्वानों का ध्यान आकर्षित करते हुए अपील की है कि शैव और वैष्णव एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। भगवान शिव स्वयं वैष्णव हैं इसलिए उन्हें तुलसी चढ़ती है और विष्णु स्वयं शिव हैं इसलिए उन्हें बिल्व पत्र चढ़ाया जाता है। यह हमारे नगर की परंपरा है और इस परंपरा को अक्षुण्य रखने के लिए 14 व 15 को जो जन्माष्टमी मनाने की चर्चा जनमानस में है उसे समाप्त कर बहुमत से एक दिन मनाने का प्रयास होगा तो हिंदू समाज की रक्षा सुरक्षा के साथ हिंदू समाज में संगठन की मजबूती आएगी। 

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