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उज्जैन से छीन गया 35 सौ करोड़ का विक्रम उद्योगपुरी प्रोजेक्ट


उज्जैन। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल काॅरीडोर (डीएमआईजी) प्रोजेक्ट के तहत विक्रम उद्योगपुरी जिसकी स्वीकृति मनमोहनसिंह की सरकार ने दी थी। वह स्वीकृति नरेन्द्र मोदी सरकार ने निरस्त कर दी है। पैतीस सौ करोड़ के प्रोजेक्ट को उज्जैन से छीन लिये जाने के बाद भी यहां के सांसद, विधायक का चुप्पी साधे रखना यह दर्शाता है कि इन्हें उज्जैन के लोगों से कोई सरोकार नहीं है। 

       यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस कमेटी के महामंत्री अरूण वर्मा ने बताया कि केन्द्र में जब यूपीए की मनमोहनसिंह के नेतृत्व में सरकार थी उस वक्त तत्कालीन सांसद प्रेमचंद गुड्डू के अथक प्रयासों से केन्द्र सरकार ने उज्जैन के लिए दिल्ली-मुंबई इंस्ट्रीयल काॅरीडोर के तहत विक्रम उद्योगपुरी नामक प्रोजेक्ट मंजूर किया था और इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन पर 35 सौ करोड़ रूपये मंजूर किए गए थे तथा इस प्रोजेक्ट में देवासरोड़ एरिये के 442 हेक्टेयर क्षेत्र में यह उद्योगनगरी विकसित की जाना थी। इसके प्रथम चरण में केन्द्र सरकार ने 850 करोड़ रूपये भी स्वीकृत कर लिए थे। ताकि प्रारंभिक तौर पर उक्त औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली, सीवरेज लाईन एवं स्ट्रीट लाईट के रूप में अधोसंरचना का विकास किया जा सके। 

       वर्मा ने कहा कि तत्कालीन सांसद प्रेमचंद गुड्डू के अथक प्रयासों से जो औद्योगिक क्षेत्र के रूप में उज्जैन को सौगात मिली थी वह सौगात यहां के सांसद, मंत्री, विधायक की निष्क्रियता के चलते मोदी सरकार ने छीन ली है और औद्योगिक क्षेत्र में उज्जैन को देश में एक नया आयाम देने वाला प्रोजेक्ट अब उज्जैन से दूर चला गया है। जो 850 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत हुई थी उसका भी उपयोग नहीं के बराबर किया गया। 

       उज्जैन में एक लोकसभा सांसद, दो राज्यसभा सांसद, एक केन्द्र में केबिनेट मंत्री एक राज्य में केबिनेट मंत्री है। सभी भाजपा के विधायक हैं पर उज्जैन के लिए एक भी औद्योगिक सौगात ये सभी मिलकर भी नहीं दिलवा पाए हैं और जो सौगात कांग्रेस सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने उज्जैन को दिलवाई थी उसे भी केन्द्र की मोदी सरकार ने अब छीन लिया तो ये सारे भाजपाई जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे रहे। अरूण वर्मा ने सभी भाजपा के सांसदों, विधायकों से मांग की है कि सभी उज्जैन से छीन गई विक्रम उद्योगपुरी प्रोजेक्ट को पुनः लाए या अपने-अपने पदों से इस्तीफा देकर उज्जैनवासियों से माफी मांगे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो युवाओं द्वारा जनजागरण कर आंदोलन किया जाएगा। 

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