महिला बाल विकास मंत्री ने उज्जैन में विभागीय कार्यों की समीक्षा की
उज्जैन @ एकीकृत बाल विकास सेवाएं तथा महिला सशक्तिकरण विभाग के अधिकारी अपने विभागीय कार्यक्रमों तथा योजनाओं की प्रभावी मॉनीटरिंग करें। स्वास्थ्य विभाग के साथ बेहतर समन्वय से कार्य किया जाये। स्वास्थ्य तथा बाल विकास सेवाओं के अधिकारी संयुक्त भ्रमण करें। यह निर्देश प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने आज गुरूवार को उज्जैन में आयोजित समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने विभागीय योजनाओं व कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा बैठक में की। इस अवसर पर कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, अपर संचालक एकीकृत बाल विकास सेवा श्री आरपी रमणवाल, संयुक्त संचालक एकीकृत बाल विकास सेवाएं श्री एनएस तोमर, संयुक्त संचालक भोपाल श्रीमती उषासिंह सोलंकी, कार्यक्रम अधिकारी डॉ.सीएल पासी, उप संचालक महिला सशक्तिकरण श्री राजेश गुप्ता, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी, विभाग के परियोजना अधिकारी, खण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी, सुपरवाइजर आदि उपस्थित थे।
विशेष पोषण अभियान के निर्देशों का प्रतिदिन अध्ययन करें :
बैठक में महिला बाल विकास मंत्री ने निर्देश दिये कि विभाग के अधिकारी राज्य स्तर से जारी विशेष पोषण अभियान के 28 बिन्दुओं का प्रतिदिन अध्ययन करें। कुपोषण मुक्ति की दिशा में ये निर्देश आपके लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। प्रत्येक अधिकारी अपने अधीनस्थ के कार्यों की प्रभावी ढंग से मॉनीटरिंग करे। उचित मॉनीटरिंग आपकी सक्षमता को दर्शायेगी। निर्देशों के पालन में कोताही नहीं बरती जाये।
अधीनस्थों से काम मजबूती से लें, व्यवहार स्नेहपूर्वक हो :
महिला बाल विकास मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हो, यह सुनिश्चित करें, परन्तु कार्य में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाये, यह अवश्य देखें। उन्होंने आंगनवाड़ी सहायिका के कार्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि सहायिका का सबसे मुख्य कार्य आंगनवाड़ी केन्द्र पर बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि करना है। इस कार्य में उसको आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता तथा बाल विकास सेवा के सुपरवाइजर मदद करेंगे। बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिये वार्ड पार्षदों, पंचों, सरपंचों की मदद भी ली जा सकती है।
विश्व स्तनपान सप्ताह आयोजन का फीडबेक लिया :
विगत दिनों सम्पन्न हुए विश्व स्तनपान सप्ताह के क्रियान्वयन का फीडबेक अधिकारियों से लिया। इस सप्ताह के दौरान उभरकर आये निष्कर्षों के आधार पर उन्होंने एकीकृत बाल विकास सेवा तथा स्वास्थ्य विभागों को पूरे वर्षभर का संयुक्त कार्यक्रम बनाकर इस दिशा में आगे बढ़ने के निर्देश दिये।
स्वास्थ्य एवं बाल विकास सेवा विभागों का समन्वय जरूरी :
बैठक में महिला बाल विकास मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मैदानी क्षेत्रों में गर्भवती माताओं की उचित देखभाल तथा बच्चों के पोषण के लिये एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग का समन्वय अत्यन्त जरूरी है। दोनों विभागों के अधिकारी नियमित रूप से संयुक्त बैठकें आयोजित करें। भ्रमण में साथ जायें।
‘हां मैंने मां का दूध पिया है’ अभियान वर्षभर संचालित करें :
बैठक में महिला बाल विकास मंत्री ने निर्देश दिये कि मां के दूध की महत्ता को मद्देनजर रखते हुए विभाग पूरे वर्ष ‘हां मैंने मां का दूध पिया है’ अभियान संचालित करे। इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये जरूरी नारे दीवारों पर अंकित किये जायें। उन्होंने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण स्लोगन जैसे- जन्म के तुरन्त बाद बच्चे को मां का दूध पिलायें, ताकि बच्चा कह सके ‘हां मैंने मां का दूध पिया है’। बच्चे को छह माह तक केवल मां का दूध पिलायें, ताकि बच्चा कह सके ‘हां मैंने मां का दूध पिया है’। मां का दूध बच्चे का प्रथम टीकाकरण है आदि महत्वपूर्ण सन्देशात्मक स्लोगन प्रचारित-प्रसारित दीवारों पर तथा अन्य माध्यमों से समाज तक पहुंचायें। स्कूल-कॉलेजों में इस बात की जानकारी दें। समाज को बतायें कि बच्चे को दूध पिलाना मां का कर्त्तव्य है और बच्चे का अधिकार है।
पति के कर्त्तव्यों की जानकारी अभियान संचालित कर दी जाये :
महिला बाल विकास मंत्री ने यह निर्देश भी दिये कि महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान उनके पति के क्या कर्त्तव्य हैं, इसकी जानकारी अभियान संचालित कर दी जाये। पति को बताया जाये कि गर्भवती महिला की इस दौरान किस प्रकार से देखभाल की जाना चाहिये। इसी तरह गर्भावस्था के दौरान महिला का आचार-विचार कैसा हो, वह अच्छा साहित्य पढ़े आदि आचार-विचार की जानकारी भी महिलाओं को दें।
विशेष पोषण अभियान की जानकारी ली :
बैठक में उन्होंने जिले में संचालित विशेष पोषण अभियान की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अच्छे परिणाम आये हैं। उन्होंने इसके अलावा विभाग के अन्य कई कार्यक्रमों व योजनाओं के क्रियान्वयन, इनके सम्बन्ध में जारी किये गये पत्रों, भोपाल स्तर से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के निर्देशों के परिपालन में की गई कार्यवाहियों की जानकारी भी अधिकारियों से प्राप्त की।
लाड़ली लक्ष्मी डेस्क बनाने के निर्देश :
महिला बाल विकास मंत्री ने बैठक में महिला सशक्तिकरण विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि शत-प्रतिशत पात्र बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दें। उन्होंने इसके लिये अस्पतालों के डिलेवरी पाइंट्स पर लाड़ली लक्ष्मी डेस्क बनाने के निर्देश दिये। डेस्क पर बालिका की पैदाईश से ही लाड़ली लक्ष्मी योजना में उसका पंजीयन हो जायेगा। इससे कोई भी पात्र बालिका योजना के लाभ से वंचित नहीं रहेगी। विभागीय अमले के समय की बचत होकर इसका उपयोग अन्य विभागीय कार्यों में हो सकेगा। समीक्षा में उज्जैन जिले में पोस्ट आफिस से 20.87 करोड़ रूपये प्राप्त करके निधि में जमा करने पर महिला बाल विकास मंत्री ने संतोष प्रकट करते हुए कहा कि शेष 1.88 करोड़ रूपये की राशि पोस्ट आफिस से प्राप्त करें। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे द्वारा इस सम्बन्ध में पोस्ट आफिस के अधिकारियों की सतत बैठक लेने की जानकारी दी गई।
‘आंगनवाड़ी दीदी’ पढ़ायेंगी :
महिला बाल विकास मंत्री ने बैठक में कहा कि बच्चों के प्रीस्कूल एजुकेशन की दृष्टि से आंगनवाड़ियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इस दिशा में प्रभावी गतिविधियां आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आयोजित होना चाहिये। इस सम्बन्ध में वार्ड या मोहल्ले की 12वी कक्षा उत्तीर्ण लड़कियों को आंगनवाड़ी में बच्चों को पढ़ाने के लिये आगे लायें। वे ‘आंगनवाड़ी दीदी’ के रूप में बच्चों को पढ़ायेंगी। इस बारे में इच्छुक लड़कियों से बात की जाये।
पोषण स्मार्ट विलेज योजना की समीक्षा की :
विभाग की योजना के तहत जिले में विभिन्न ग्रामों को चिन्हांकित कर उन्हें पोषण स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन गांवों में पोषण के लिये समेकित कार्य योजना के तहत कार्य किया जा रहा है। यहां एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग के साथ ही स्वास्थ्य, कृषि, उद्यानिकी तथा पशुपालन विभागों का समन्वय किया जाकर एकीकृत रूप से पोषण विकास की दिशा में कार्य हो रहा है। इस सम्बन्ध में महिला बाल विकास मंत्री ने निर्देश दिये कि सभी ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाये। देखें कि यहां न्यूट्रीशन में क्या कमियां हैं, इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है। उन्होंने मानव शरीर के लिये जरूरी पोषक तत्वों की वैज्ञानिक ढंग से जानकारी देते हुए कहा कि जरूरी तत्वों की पूर्ति हेतु आवश्यक सब्जियां, दूध तथा अन्य पदार्थों का उत्पादन इन गांवों में किया जाये। घरों में किचन गार्डन, बेकयार्ड गार्डन द्वारा सब्जियां उगाई जा सकती हैं। बकरी के दूध में पोषक तत्वों की मात्रा भरपूर होती है। बकरी पालन को प्रोत्साहित किया जाये। कम्पोस्टिंग हर खेत में हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों में न्यूट्रीशन लिट्रेसी विकसित की जाये।
सुपरवाइजर मुख्यालय पर रहें :
बैठक में महिला बाल विकास मंत्री ने निर्देश दिये कि एकीकृत बाल विकास सेवा के सुपरवाइजर अपने मुख्यालय पर ही निवास करें, अन्यथा उनके परियोजना अधिकारी को दीर्घशास्ति से दण्डित किया जायेगा। उन्होंने हृदय की बीमारी से ग्रस्त बच्चों का चिन्हांकन कर शासन की योजना द्वारा उपचार कराने के निर्देश भी बैठक में दिये। इसके अलावा विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति की जानकारी लेते हुए बताया कि अब आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति ऑनलाइन की जायेगी। इसको लोक सेवा गारंटी के अन्तर्गत भी लिया जा रहा है।
कच्ची घानी तेल का उत्पादन करें :
बैठक में महिला बाल विकास मंत्री ने शुद्ध खानपान के लिये महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे को निर्देश दिये कि उज्जैन जिले में कच्ची घानी तेल का उत्पादन कराया जाये। इसके लिये शासन की योजना के तहत युवाओं को वित्तपोषित करवायें। उन्होंने कहा कि रिफाइंड खाद्य तेल स्वास्थ्य के लिये उत्तम नहीं है। इसके बजाय कच्ची घानी से उत्पादित खाद्य तेल बेहतर होता है।