अनुमति मिलने के बाद निरस्त की हज यात्रा
उज्जैन। हज की अनुमति मिलने के बाद अकारण ही अनुमति निरस्त हो जाने से नाराज गौंसा दरवाजा निवासी शब्बीर हुसैन पिता बाकिर हुसैन पत्नी तथा बुजुर्ग मां के साथ सोमवार सुबह 10 बजे से बुरहानी हाल गौंसा दरवाजा स्थित आमिल साहब के आॅफिस में धरने पर बैठे हैं। लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें कोई यह बताने नहीं पहुंचा कि उनकी अनुमति क्यों निरस्त कर दी गई जबकि वे हज की राशि भी जमा कर चुके थे। शब्बीर भी जिद पर अड़े हैं कि जब तक आमिल साहब या कोई जिम्मेदार उनकी हज यात्रा निरस्त करने का कारण नहीं बता देता वे आमिल साहब के आॅफिस से नहीं उठेंगे।
दरअसल शब्बीर हुसैन पिता बाकिर हुसैन, उनकी पत्नी रशीदा तथा माताजी जाहेदा ने हज के लिए आवेदन किया था। उन तीनों का हज पर जाने का नंबर आ गया था। साथ ही मुंबई स्थित ट्रेवल एजेंसी फैज हुसैनी से मैसेज भी आ गया कि आप राशि जमा करें आपको हज पर जानां है। शब्बीर ने 6 लाख रूपये एजेंसी के खाते में अलग-अलग किश्तों में जमा करा दिये। लेकिन अचानक उनको मैसेज आया कि आपको हज पर नहीं भेज सकते आपके द्वारा दी गई राशि लौटा रहे हैं। लेकिन राशि क्यों लौटा रहे, लिस्ट से नाम क्यों काटा, इसका कोई कारण नहीं बताया। बुरहानी हाल गौंसा दरवाजा स्थित आमिल साहब के आॅफिस में भी वे मां तथा पत्नी के साथ यहीं पूछने गए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। नाराज शब्बीर परिवार के साथ सोमवार सुबह 10 बजे से बैठे हुए हैं। लेकिन अभी तक किसी जिम्मेदार ने कारण नहीं बताया। शब्बीर का कहना है कि द्वेषतापूर्ण तरीके से मेरा परिवार सहित नाम हज जाने वालों की लिस्ट से हटाया गया। जब तक आमिल साहब या कोई जिम्मेदार कारण नहीं बताएगा मैं धरने से नहीं उठूंगा।