भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए एकजुट हुए निगम अधिकारी
उज्जैन। करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला दबाने के लिए नगर निगम के सभी अधिकारी एकजुट हो गए है। पहले काॅलोनी सेल के प्रभारी अधीक्षण यंत्री ज्ञानेन्द्रसिंह जादौन तथा उपयंत्री डोंगरसिंह परिहार ने प्रथम अपील अधिकारी के निर्देश के 3 महीने बाद भी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई उद्यान और नाला निर्माण की जानकारी नहीं दी। अब सीएम हेल्प लाईन में इन दोनों अधिकारियों की शिकायत करने पर झोनल अधिकारी ने बिना कोई कार्रवाई किये और जानकारी दिये बगैर सीएम हेल्प लाईन में झूठी जानकारी दी और कह दिया कि आवेदक को जानकारी दे दी गई है जबकि अब तक आवेदक को कोई जानकारी नहीं मिली।
शास्त्रीनगर निवासी धनराज गेहलोत के अनुसार नगर निगम के काॅलोनी सेल के प्रभारी अधीक्षण यंत्री ज्ञानेन्द्रसिंह जादौन तथा लोकसूचना अधिकारी डोंगरसिंह परिहार से वार्ड क्रमांक 47 में कुल कितने उद्यान तथा उनकी लंबाई चैड़ाई कितनी है व कौन सा बगीचा किस स्थान पर किस नाम से स्थापित है के लेआउट सहित उद्यानों के संपूर्ण दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रदान करने के लिए 10 मार्च को सूचना उपलब्ध कराने के लिए आवेदन किया था। लेकिन सूचना देने के लिए निर्धारित समयावधि के समाप्त हो जाने के बावजूद कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी लोक सूचना अधिकारी द्वारा किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। उपायुक्त रविन्द्र जैन के समक्ष प्रथम अपील 9 मई 2017 को की गई। रविन्द्र जैन ने स्थान तथा उद्यान की एक सूची मंगाकर लोकसूचना अधिकारी को सूचना प्रदान करने हेतु निर्देशित भी किया गया। बावजूद इसके सूचना नहीं दी गई। धनराज गेहलोत ने दूसरी अपील राज्य मुख्य सूचना आयुक्त भोपाल को की। साथ ही सीएम हेल्प लाईन पर शिकायत करते हुए मांग की कि लोक सूचना अधिकारी को आदेश दें कि सभी सूचनाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए। सीएम हेल्पलाईन में शिकायत के बाद निराकरण हेतु जोनल अधिकारी अरूण नामदेव के पास पहुंची। लेकिन अरूण नामदेव ने धनराज गेहलोत को जानकारी दिये बगैर, समस्या का निराकरण किये बगैर ही सीएम हेल्पलाईन में कह दिया कि समस्या का निराकरण हो गया है।
सीएम हेल्पलाईन का उड़ाया मजाक
धनराज गेहलोत के अनुसार ज्ञानेन्द्रसिंह जादौन तथा डोंगरसिंह परिहार द्वारा किये गये भ्रष्टाचारों को दबाने के लिए सभी नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी एकजुट हो गए हैं। यहीं कारण है कि जब सीएम हेल्पलाईन से कार्रवाई के लिए तथा जानकारी देने के लिए जोनल अधिकारी को आदेश आए तो उन्होंने सीएम हेल्पलाईन को ही झूठी सूचना देते हुए कह दिया कि समस्या का निराकरण हो गया है जबकि मुझे अभी तक जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। इस तरह निगम के अधिकारियों द्वारा सूचना के अधिकारों का मखौल तो उड़ाया ही जा रही है वहीं अब सीएम हेल्पलाईन को भी मजाक बनाकर रख दिया है।