स्वाईन फ्लू से घबरायें नहीं, सचेत रहें
उज्जैन । स्वाईन फ्लू एच-1 एन-1 बीमारी वायरस संक्रमणकारी है। सामान्यत: इसका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी के सम्पर्क में आने के कारण होता है। स्वाईन फ्लू का संक्रमण जुलाई से फरवरी माह में ज्यादा सक्रिय होता है। स्वाईन फ्लू से बचाव ही उपचार है। इसमें ऐहतियात बरतने की जरूरत है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के निकटवर्ती राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात में विगत एक माह में स्वाईन फ्लू के प्रकरणों में वृद्धि पाई गई है। अत: जो लोग इन क्षेत्रों से यात्रा करके प्रदेश में आ रहे हैं, वे सचेत रहें। यदि उनको स्वाईन फ्लू के लक्षण जैसे- सर्दी, खांसी, जुकाम, गले में खराश, सिरदर्द, बुखार के साथ अगर सांस लेने में तकलीफ हो तो तत्काल शासकीय चिकित्सालय जाकर पल्स ऑक्सीमीटर से तुरन्त अपनी जांच करायें। स्वाईन फ्लू बीमारी होने पर पूर्ण उपचार लें।