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राजस्व का काम पिछड़ रहा है, पटवारी खुद आगे होकर फौती नामांतरण करें


 

लापरवाही बरतने पर निलम्बन किया जायेगा   -संभागायुक्त श्री ओझा

पटवारियों की जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न

      उज्जैन । संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने कहा है कि इस समय राजस्व विभाग की कार्य प्रणाली गंभीर स्थिति से गुजर रही है। अन्य कार्यों में लिप्त रहने के कारण राजस्व के काम पिछड़ रहे हैं और इसी को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा भी अप्रसन्नता व्यक्त की जा रही है। इस गेप को पूरा करने के लिये पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों को स्वयं आगे आकर नामांतरण, बंटवारे, फौती नामांतरण एवं सीमांकन जैसे कार्यों का तुरन्त निपटारा करना होगा, तभी राजस्व के अमले के प्रति आमजन में विश्वास कायम रह सकेगा। उन्होंने पटवारियों को कहा कि वे गांव का निरन्तर दौरा करें और गांव के जीवन्त सम्पर्क में रहें। पटवारियों को यह मालूम होना चाहिये कि गांव में किसकी मृत्यु हुई है और कहां फौती नामांतरण करना है। वे किसी आवेदन का इंतजार करने के बजाय आगे आकर सम्बन्धितों से सम्पर्क कर नामांतरण की कार्यवाही करें और गांव में जाकर बी-1 का वाचन करें। संभागायुक्त ने कहा है कि लापरवाही सिद्ध होने पर सम्बन्धित पटवारी को निलम्बित किया जायेगा।

कस्बा पटवारी को प्रकरण सहित उपस्थित होने के निर्देश

      संभागायुक्त ने कार्यशाला में उज्जैन के कस्बा पटवारी को बुलाया और उससे पूछा कि उज्जैन निवासी मदनलाल माहेश्वरी का नामांतरण प्रकरण लम्बित क्यों है। इसी तरह उज्जैन तहसील के ग्राम हमीरखेड़ी के शंकरलाल का नामांतरण तहसीलदार के आदेश देने के बाद भी नहीं हुआ। उक्त शिकायत के बारे में सम्बन्धित पटवारी से पूछताछ की गई एवं दोनों पटवारियों एवं तहसीलदार को सम्पूर्ण प्रकरण सहित उपस्थित होने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गलती पाई जाने पर उक्त पटवारियों को निलम्बित किया जायेगा। संभागायुक्त ने समीक्षा के दौरान यह भी कहा कि उज्जैन सब-डिवीजन की सर्वाधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं और इसको वे गंभीरता से लेंगे। संभागायुक्त ने कहा है कि पटवारियों का काम बड़ी मेहनत का है, किन्तु आजकल पटवारी गांव में नहीं जाते हैं। इस कारण किसान यहां-वहां भटकते हुए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत करते हैं। यह अत्यन्त ही अनुचित कृत्य है।

महिदपुर एसडीएम के प्रति नाराजगी व्यक्त की

      संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन एवं स्वयं उनकी जनसुनवाई में आने वाले प्रकरणों के निराकरण में तत्परता दिखाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने महिदपुर एसडीएम द्वारा 80 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति के पेंशन प्रकरण को जान-बूझकर लम्बित रखने पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिये हैं कि आगामी एक सप्ताह में प्रकरण का निराकरण करें। संभागायुक्त ने चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की गलती न की जाये।

‘राजस्व दफ्तर आपके घर’

      कार्यशाला में कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने कहा कि अगस्त माह में ‘राजस्व दफ्तर आपके घर’ अभियान चलाया जायेगा। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में पटवारी, आरआई गांव-गांव जाकर नामांतरण, बंटवारे एवं राजस्व के प्रकरणों का निराकरण करेंगे। साथ ही प्रत्येक शुक्रवार को राजस्व सेवाओं का तहसीलदवार कैम्प लगाया जायेगा। इन शिविरों में राजस्व कोर्ट में चल रहे प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया जायेगा। इसी तरह के कैम्प प्रत्येक शनिवार को गैर-राजस्व प्रकरणों के लिये लगाये जायेंगे। कलेक्टर ने कहा है कि जो पटवारी अच्छा काम कर रहे हैं, उनको 15 अगस्त को पुरस्कार दिया जायेगा।

      कार्यशाला में बताया गया कि जिले में 90 प्रतिशत बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है। जिले में 9388 अविवादित नामांतरण किये गये हैं तथा अविवादित बंटवारे के 1450 प्रकरण निराकृत हुए हैं। कलेक्टर ने प्रत्येक गांव में कोटवार पंजी को अद्यतन करने के निर्देश देते हुए कहा है कि कोटवार पंजी में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के मोबाइल नम्बर भी लिखे जायें। उन्होंने कहा है कि जो कोटवार शारीरिक रूप से अक्षम हैं अथवा आपराधिक प्रवृत्ति के हैं, उनको हटाकर उनके स्थान पर नये कोटवारों की नियुक्ति की जाये।

समय पर नहीं आने वाले पटवारियों का वेतन कटेगा

      पटवारी कार्यशाला में जिले के 22 पटवारी समय पर उपस्थित नहीं हुए। कलेक्टर ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उक्त पटवारियों का वेतन काटने के निर्देश सम्बन्धित एसडीएम को दिये हैं।

फसल गिरदावरी का एप डाउनलोड करवाया गया

पटवारी प्रशिक्षण कार्यक्रम में फसल गिरदावरी का नया एप डाउनलोड करवाया गया। फसल पद्धति में सुधार की आवश्यकता, नवीन प्रक्रिया, जिलों से अपेक्षा, फसल के डिटेल, सिंचाई के स्त्रोत आदि की जो भी जानकारी होगी वह अब इस एप के माध्यम से पटवारियों द्वारा लोड होगी। प्रशिक्षण के दौरान कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने कहा कि मोबाइल एप के माध्यम से वास्तविक बुवाई क्षेत्र एवं गिरदावरी से प्राप्त आंकड़े की उपलब्धता रहेगी। पहले इन आंकड़ों में अत्यधिक अन्तर आता था। एप के माध्यम से गिरदावरी करने से कृषि क्षेत्र में नियोजन, प्रबंधन एवं विपणन की समस्या समाप्त होगी। किसानों की सहभागिता प्राप्त होगी। वास्तविक कृषकों को फसल बीमा एवं राहत राशि का लाभ मिलेगा तथा उपार्जन के दौरान वास्तविक उपज का उपार्जन किया जायेगा। यही नहीं कृषि व उद्यानिकी आधारित शासकीय अनुदानों एवं योजनाओं का लाभ मिलने में किसानों को आसानी होगी। फसल गिरदावरी के बारे में संयुक्त कलेक्टर श्री केके रावत, एनआईसी के अधिकारी श्री धर्मेन्द्र यादव, डिप्टी कलेक्टर श्री दिलीप सोनी, एसडीएम नागदा श्री रजनीश श्रीवास्तव, तहसीलदार श्री विवेक सोनकर, नायब तहसीलदार श्री आलोक चौरे आदि ने विस्तार से पटवारियों को जानकारी दी।

उल्लेखनीय है कि फसल गिरदावरी प्रतिवर्ष की जाने वाली एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो कि वर्ष में दो बार खरीफ एवं रबी सीजन की बुवाई के पश्चात की जाती है एवं भू-अभिलेखों में दर्ज की जाती है। यह जानकारी कई मामलों जैसे फसल बीमा, प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपायी, बैंक ऋण, योजनाओं के लाभ लेने आदि में महत्वपूर्ण होती है। प्रचलित पद्धति में कई बार जानकारी समय से अद्यतन नही होने या गलत हो जाने पर कई बार कृषक उन्हें प्राप्त होने वाले लाभों से वंचित रह जाते हैं। इसका एक और पहलू यह भी है कि यदि यह जानकारी शासन को समय से प्राप्त हो जाये तो प्रदेश स्तर पर समय रहते फसल प्रबंधंन, विपणन आदि से संबंधित तैयारियॉं करने में पर्याप्त समय मिल सकेगा जिसका लाभ न केवल शासन वरन् किसानों को भी प्राप्त होगा। इन्हीं बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुए फसल गिरदावरी संबंधी एप्लीकेशन का विकास मैपआईटी के सहयोग से राजस्व विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा किया गया है। एप के माध्यम से पटवारियों को उनके ग्राम के समस्त भूमिस्वामियों के सभी खसरों की जानकारी प्राप्त हो सकेगी एवं उनके द्वारा कृषक से संपर्क कर लगायी गयी फसल की जानकारी ग्राम से ही भरी जा सकेगी। जैसे ही जानकारी सर्वर पर अपलोड होगी, संबंधित कृषक को उसके मोबाइल नंबर पर उससे संबंधित खसरों में फसल गिरदावरी के अंतर्गत दर्ज की गयी जानकारी जिसमें बुवाई के अतिरिक्त, वृक्षारोपण, मकान या अन्य निर्माण आदि से संबंधित विवरण, एसएमएस के माध्यम से भेजी जायेगी। इसमें एक पासकोड भी होगा। जब पटवारी द्वारा यह पासकोड एप्लीकेशन में डाला जावेगा तभी जानकारी को अंतिम माना जावेगा।

      कार्यशाला में जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी मौजूद थे।

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