बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने में महती भूमिका अदा कर रहे हैं पोषण पुनर्वास केन्द्र
उज्जैन । कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने और कुपोषण से मुक्त करने के लिये राज्य शासन द्वारा कई स्तरों पर प्रयास किये जा रहे हैं। आंगनवाड़ियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के तहत संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र भी इस दिशा में अपनी महती भूमिका अदा कर रहे हैं। उज्जैन जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आठ स्थानों पर शासकीय चिकित्सालयों में ऐसे केन्द्र कार्यरत हैं। वहां अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती किया जाकर उनका समुचित उपचार व आहार प्रदान किया जाता है।
उज्जैन स्थित माधव नगर चिकित्सालय के अलावा सिविल अस्पताल खाचरौद, महिदपुर, नागदा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घट्टिया, इंगोरिया, तराना, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उन्हेल में पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित हैं। पिछले वर्ष इन सभी केन्द्रों पर ‘बैड ऑक्यूपैसी’ (उपचार के लिये उपलब्ध बिस्तरों की उपयोगिता) 77 प्रतिशत रही है। वहीं इस वर्ष गये अप्रैल से जून माह तक 90 प्रतिशत रही है। यहां गंभीर कुपोषित बच्चों को उचित उपचार के अलावा पौष्टिक आहार प्रदान किया जाता है। बच्चों को लगभग 14 दिनों तक भर्ती करके उपचार देते हैं। साथ ही बच्चे की मां को पौष्टिक आहार घर पर बनाने के लिये प्रशिक्षित भी किया जाता है। इसके लिये डायटीशियन का प्रावधान भी है।
पोषण पुनर्वास केन्द्र पर भर्ती बच्चे की माता को केन्द्र तक आने-जाने हेतु वाहन किराया दिया जाता है तथा 120 रूपये प्रतिदिन के मान से क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है। बच्चे की छुट्टी हो जाने के पश्चात उसे चेकअप हेतु लाने के लिये भी किराया दिया जाता है। इस तरह लगभग 2660 रूपये बच्चे की माता को तथा भर्ती में सहयोग करने वाले प्रेरक को 900 रूपये सहायता राशि दी जाती है।
बच्चे में कुपोषण के दृष्टिगत जनसामान्य को उनके पोषण सम्बन्धी जानकारी देना आवश्यक है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी से कुपोषण रोग होता है। इसका मूल कारण जन्म के समय वजन कम होना, सम्पूर्ण आहार नहीं मिलना, बच्चे का बार-बार बीमार होना, दस्त लगना आदि कई कारण होते हैं। आयोडीन की कमी से छोटे बच्चे का बुद्धि विकास रूक जाता है। विटामीन ‘ए’ की कमी से आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। कुपोषण के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित दो वर्ष से कम आयु के बच्चे होते हैं। उनकी भूख कम हो जाती है, वे कमजोर हो जाते हैं। बच्चे सुस्त, चिड़चिड़े, उदास दिखाई देते हैं। वजन तेजी से घटता है, कद बढ़ना रूक जाता है। बालों का रंग भूरा, जीभ व होंठों का रंग पीला हो जाता है।