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जन्म के तुरन्त बाद स्तनपान बच्चे का प्रथम टीकाकरण


विश्व स्तनपान सप्ताह पर कार्यशाला सम्पन्न

      उज्जैन । जन्म के तुरन्त बाद स्तनपान कराना बच्चे के लिये प्रथम टीकाकरण होता है। इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, जो उसके पूरे जीवन काम आता है। यह जानकारी विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर मंगलवार को सम्पन्न एक दिवसीय कार्यशाला में दी गई। जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन सिंहस्थ मेला कार्यालय में किया गया।

कार्यशाला में संयुक्त संचालक एकीकृत बाल विकास श्री एनएस तोमर ने अमले को निर्देशित किया कि शासन के निर्देशानुसार निर्धारित की गई गतिविधियों को केन्द्र स्तर तक आयोजित किया जाना सुनिश्चित करें, जिससे स्तनपान नहीं कराने से समाज को हो रहे नुकसान की भरपाई की जा सके। वर्तमान में उज्जैन जिले मे जन्म के तुरंत बाद स्तनपान कराने का प्रतिशत 19 है, जो कि अत्यंत कम है। इसे बढ़ाया जाना चाहिये। जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ.सीएल पासी ने कहा कि स्तनपान के महत्व के बारे में हमारा संदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तक जाना चाहिये, जिससे इसके बारे में होने वाली भ्रांतियां दूर हो सकें एवं जन्म के तुरंत बाद स्तनपान एवं छः माह तक सिर्फ स्तनपान कराने के प्रतिशत में बढ़ोत्री हो, जिससे शिशु मृत्यु दर एवं कुपोषण में कमी आयेगी।

इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक डॉ.सविता खरे द्वारा बताया गया कि गर्भावस्था से ही महिला कि उचित देखभाल करने पर प्रसव के दौरान एवं उसके पश्चात् कोई परेशानी नहीं आती है। इससे जच्चा एवं बच्चा दोनो स्वस्थ्य रहते हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.शशि गुप्ता द्वारा बताया गया कि जन्म के तुरंत बाद स्तनपान बच्चे के लिए प्रथम टीकाकरण होता है। इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, जो उसके पूरे जीवन काल में काम आता है। संभागीय पोषण समन्वयक (यूनिसेफ) श्री अमित शर्मा ने बताया कि इस बार विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम स्थायी स्तनपान साथ-साथ है। अतः स्तनपान को बढ़ावा देने हेतु नियमित रूप से माताओं को समझाईश दिया जाना जरूरी है। सप्ताह के दौरान आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के बारे में प्रस्तुतिकरण सहायक संचालक श्री राजीव गुप्ता द्वारा दिया गया जिसमें परियोजना स्तर, सेक्टर स्तर एवं आंगनवाड़ी स्तर पर आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के बारे में बताया गया । कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन डॉ.रीना अध्वर्यु द्वारा किया गया।

      कार्यशाला में सुश्री मोनिका मंडलोई डीपीएम, श्री गुरूदत्त पांडे सहायक संचालक, श्री शिवेश दुबे, श्री संदीप लौवंशी स्नीप प्रतिनिधि सहित जिले के परियोजना अधिकारी, ईसीसीई कार्डिनेटर, पर्यवेक्षक एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।  

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