अवंतिकानाथ राजाधिराज भगवान महाकाल राजसी ठाट-बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले
भगवान महाकाल ने भक्तों को चार रूपों में दिये दर्शन
उज्जैन । अवंतिकानाथ राजाधिराज भगवान महाकाल श्रावण माह के चौथे सोमवार को राजसी ठाट-बाट के साथ अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। महाकाल भगवान का इन्द्रदेव ने भी वर्षा की बौछारें कर अभिषेक किया। भगवान महाकाल ने अपनी प्रजा को चतुर्थ सवारी में चार रूपों में दर्शन दिये। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान महाकाल का पूजन-अर्चन करने के बाद निर्धारित समय से भगवान महाकाल की पालकी को नगर भ्रमण के लिये रवाना किया गया। सभमंडप में पूजा-अर्चना के अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, विधायक डॉ.मोहन यादव, श्री माखनसिंह, म.प्र.जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पाण्डे, अखिल भारतीय अखाडा परिषद के महामंत्री महंत श्री हरिगिरी, लोकायुक्त डी.जी.पी. श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव, डी.आई.जी. डॉ.रमणसिंह सिकरवार, इन्दौर अपर आयुक्त श्री आनंद शर्मा, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर आदि उपस्थित थे।
चतुर्थ सवारी में भगवान महाकाल उमामहेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिये। रजतजडित पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर विराजित थे और हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव की प्रतिमा और नंदी रथ पर श्री उमामहेश विराजित थे। इस प्रकार चौथी सवारी में भगवान महाकाल ने चार रूपों में अपने भक्तों को दर्शन दिये। भगवान महाकाल पांचवी सवारी सोमवार 7 अगस्त को निकलेगी। छटवी सवारी सोमवार 14 अगस्त को और अंतिम शाही सवारी सोमवार 21 अगस्त को नगर भ्रमण पर राजसी ठाट-बाट के साथ निकलेगी।
महाकाल मंदिर से जैसे ही पालकी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वैसे ही सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा सलामी दी गई। पालकी के आगे घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि की टुकडियां मार्च पास्ट करते हुए चल रही थीं। राजाधिराज भगवान महाकाल की सवारी में हजारों भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए तथा विभिन्न भजन मंडलियां झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे। सवारी मार्ग के दोनों ओर हजारों श्रद्धालु पालकी में विराजित चन्द्रमोलेश्वर के दर्शन के लिए खडे थे जैसे ही पालकी उनके सामने से निकली वैसे ही भगवान के गुणगान एवं पुष्प वर्षा कर अपने आपको श्रृद्धालु धन्य मान रहे थे। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची जहां पर क्षिप्रा के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। रामघाट पर पूजा-अर्चना के बाद सवारी अपने निर्धारित मार्ग से होते हुए पुनः महाकाल मंदिर को रवाना हुई। सवारी के साथ ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, विधायक डॉ.मोहन यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री महेश परमार, कृषि उपजमंडी अध्यक्ष श्री बहादुरसिंह बोरमुण्डला, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री भरत पोरवाल, जिला पंचायत सदस्य श्री करण कुमारिया सहित जन प्रतिनिधि, समाजसेवी, धर्मपरायण जनता आदि चल रहे थे और भगवान महाकाल के गुणगान करते हुए शिवमय हो रहे थे।
कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे एवं पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर सवारी मार्ग में व्यवस्थाओं पर पूर्ण रूप से निगरानी रख रहे थे और अपने मातहत अधिकारियों को व्यवस्थाओं के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी साथ में दे रहे थे। भगवान महाकाल की चतुर्थ सवारी में जिला प्रषासन एवं पुलिस प्रशासन की शानदार व्यवस्था की कई श्रद्धालुओं के द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।