घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग के लिये शैक्षणिक योजनाएं
उज्जैन । राज्य शासन द्वारा विमुक्त घुमक्कड़ व अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग के लिये कई शैक्षणिक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें छात्रवृत्ति से लेकर कन्या साक्षरता प्रोत्साहन, सिविल सेवा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री आवास भाड़ा योजना व विमुक्त जाति छात्रावास जैसी योजनाएं सम्मिलित हैं। राज्य शासन द्वारा इन वर्गों के शैक्षणिक विकास के लिये समग्र प्रयास किये जा रहे हैं।
घुमक्कड़ व अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग के लिये राज्य छात्रवृत्ति योजना संचालित है। इस योजना में कक्षा एक से पांचवी तक अध्ययन करने वाले इन वर्गों के विद्यार्थियों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाती है। राज्य छात्रवृत्ति योजना कक्षा 6 से 10वी तक के विद्यार्थियों के लिये संचालित की जा रही है। इस योजना में कक्षा 6 से 8वी तक के छात्रों को 200 रूपये, छात्राओं को 600 रूपये, कक्षा 9वी से 10वी के छात्रों को 600 रूपये तथा छात्राओं को 1200 रूपये दिये जाते हैं। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति कक्षा 11वी से लेकर महाविद्यालयीन कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिये चिकित्सा, इंजीनियरिंग, विज्ञान समूह, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, कृषि विज्ञान, वाणिज्य इत्यादि समूहों एवं कक्षा 11वी व 12वी हेतु भारत शासन द्वारा निर्धारित दरों पर छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। दो लाख रूपये की आय सीमा तक भारत शासन द्वारा तथा दो लाख रूपये से तीन लाख रूपये तक की आय सीमा वालों को राज्य शासन द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति की बालिकाओं की शिक्षा हेतु प्रोत्साहन के लिये कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना संचालित है। प्रथम बार कक्षा 11वी में प्रवेश लेने पर तीन हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वर्ष 2014-15 से कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना कक्षा 6टी एवं 9वी को राज्य छात्रवृत्ति योजना में समायोजित कर दिया गया है। सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के योग्यता प्राप्त अभ्यर्थियों को मप्र लोक सेवा आयोग एवं संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में विभिन्न स्तरों पर सफलता प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इन वर्गों के लिये मुख्यमंत्री आवास भाड़ा योजना भी संचालित है। दूरस्थ स्थान के विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के विद्यार्थी जो पोस्ट मैट्रिक स्तर की पढ़ाई के लिये शहरों में आवास लेकर रहते हैं, उन्हें आवास भाड़ा भत्ता प्रदान करने के लिये योजना प्रावधान है।