अहंकार छोड़ने वाले को भक्ति मार्ग प्राप्त होता है- अमृतलाल अमृत
उज्जैन @ तुलसीदासजी ने श्रीराम चरित्र मानस की रचना जनभाषा में करके समस्त ग्रंथों का सार भर दिया। अहंकार और भक्ति एक साथ नहीं हो सकती। अहंकार छोड़ने वाला व्यक्ति को भक्ति मार्ग प्राप्त होता है। यह बात मानस भवन क्षीरसागर पर रविवार को महामति तुलसीदास जयंती के अवसर पर स्वतंत्रता सैनानी अमृतलाल अमृत ने कही। मानस भवन के सचिव दिनेश सुखनंदन जोशी के अनुसार जुगलकिशोर धमानी, राधेश्याम पाटीदार, मनमोहन मंत्री, अमृतलाल अमृत ने गोस्वामी तुलसीदास के चित्र पर माल्यार्पण किया। महिला भजन मंडली द्वारा सुंदर कांड का पाठ कर जयंती मनाई।