एसी पांडाल में तीन करोड़ के उपवास को उजागर करने से बौखलाई भाजपा
उज्जैन @ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान के भोपाल में एसी पांडाल में हुए तीन करोड़ से अधिक के एक दिवसीय उपवास की नौटंकी को कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा उजागर कर भाजपा की पोल खोलने से बौखलाए भाजपाई निम्न स्तरीय राजनीति करने पर आमादा हो गये हैं।
यह आरोप लगाते हुए म.प्र. कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती ने कहा कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा मंदसौर में हुए किसान गोलीकांड के विरोध में शिवराज सरकार के खिलाफ आंदोलन करने, सिंहस्थ 2016 के व अन्य भ्रष्टाचार उजागर करने से मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार का जनाधार खिसक रहा है। जिससे बौखलाई भाजपा ने सस्ती राजनीति का सहारा लेना शुरू कर दिया है। म.प्र. के अशोकनगर में ट्रामा सेंटर का 22 जुलाई को क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा उद्घाटन होना था। राजनीतिक षड़यंत्र रचते हुए स्थानीय विधायक गोपीलाल जाटव ने प्रभारी मंत्री के दबाव में प्रशासन के मना करने के बावजूद ट्रामा सेंटर का उद्घाटन जबरन ही एक दिन पूर्व 21 जुलाई को कर दिया। जाटव द्वारा की गई राजनीति के चलते सांसद प्रतिनिधि एवं क्षेत्रीय दलित नेता अमित तामरे ने ऐलान किया कि ट्रामा सेंटर को गंगाजल से पवित्र कर सिंधिया इसका उद्घाटन करेंगे जो कि तामरे के निजी विचार थे, कांग्रेस पार्टी इससे कतई सहमत नहीं थीं। इसके परिणामस्वरूप तत्काल ही तामरे को सांसद प्रतिनिधि पद से पदमुक्त कर दिया गया।
दलित वर्ग को दग्भ्रिमित कर बेवजह जलवाये पुतले
षड़यंत्रपूर्वक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चैहान ने सीधे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर अनर्गल आरोप लगाया कि ट्रामा सेंटर को गंगाजल से शुध्द करवाना उसका उद्घाटन करवाना दलितों का अपमान है जबकि वास्तविकता में उक्त घटना घटित ही नहीं हुई। भाजपाईयों की संकुचित मानसिकता को उजागर करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने सिर्फ कपोल कल्पित घटना को आधार बनाकर थोथी राजनीति कर प्रदेश के दलित वर्ग को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया एवं पूरे प्रदेश में सिंधिया के पुतले बेवजह जलवा दिये।
भाजपा नाथूराम गोडसे की फासिस्टवादी विचारधारा को आत्मसात किए हुए
महंत राजेन्द्र भारती ने कहा कि महात्मा गांधी व डाॅ. भीमराव अंबेडकर व उनकी विचारधारा को सदैव उपेक्षित रखने वाली भाजपा नाथूराम गोडसे की फासिस्टवादी विचारधारा को आत्मसात किए हुए है और इसी कारण भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चैहान प्रदेश में दलित वर्ग के उत्थान और कल्याण के लिए कार्य करने की अपेक्षा उनको गुमराह कर रहे हैं। बेहतर होगा कि वो दलितों के नाम पर राजनीति करने की बजाय उनको राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर सस्ती राजनीति बंद करें।