प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना का दायरा बढ़ाने के निर्देश कलेक्टर ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ली
उज्जैन। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने निर्देश दिये हैं कि प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा
योजना में अधिक से अधिक निजी चिकित्सकों को जोड़ते हुए इसका दायरा बढ़ाया जाये। उन्होंने जिले
में निजी सोनोग्राफी सेन्टरों के संचालक चिकित्सकों को भी इस योजना से जोड़ते हुए प्रत्येक माह की
9 तारीख को उनकी सेवाएं महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण में लेने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने इसी
के साथ जिले की चिकित्सकविहीन आठ प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों में आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति
तत्काल प्रभाव से करने को कहा है। कलेक्टर ने जिले के सभी प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी
चिकित्सकों के अवकाश पर जाने के पूर्व उनकी अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। बिना अनुमति
लिये अवकाश पर जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने आज
29 जुलाई को मेला कार्यालय में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ली तथा स्वास्थ्य कार्यक्रमों की
समीक्षा की। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्हीके गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ.राजेन्द्र
निदारिया एवं जिले के विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी, नोडल चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य
तकनीकी स्टाफ मौजूद था।
प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत 8 लाख की सोनोग्राफी नि:शुल्क हुई
बैठक में प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना की जानकारी देते हुए बताया गया कि जिले में इस
योजना के तहत 37 चिकित्सकों ने पंजीयन कराया है और इनमें से 16 चिकित्सक विभिन्न अस्पतालों
में अपनी सेवाएं माह की प्रत्येक 9 तारीख को दे रहे हैं। प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना की प्रभारी
डॉ.शशि गुप्ता ने बताया कि जिले में अब तक निजी चिकित्सकों की सेवाओं से आठ लाख रूपये
लागत की सोनोग्राफी एवं सात से आठ लाख रूपये तक का परामर्श शुल्क न लेते हुए चिकित्सकों
द्वारा नि:शुल्क गर्भवती महिलाओं का परीक्षण किया गया है। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
अधिकारी तथा सिविल सर्जन को निर्देशित किया है कि प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना में भागीदारी
करने के लिये निजी चिकित्सकों से समय-समय पर भेंट कर उन्हें योजना से जुड़ने के लिये प्रेरित करें।
कलेक्टर ने कहा है कि प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना में अच्छा कार्य करने वाले निजी चिकित्सकों
को स्वतंत्रता समारोह के अवसर पर सम्मानित किया जायेगा।
जिले में 94 चिकित्सकों के पद रिक्त
समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में प्रथम श्रेणी चिकित्सकों के 46 तथा द्वितीय श्रेणी
के 48 रिक्त पद हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्र में प्रथम श्रेणी के 30 व द्वितीय श्रेणी के 31 और शहरी क्षेत्र
में प्रथम श्रेणी के 16 तथा द्वितीय श्रेणी के 17 पद रिक्त हैं। इसी तरह पैरामेडिकल स्टाफ में
एएनएम के सात, स्टाफ नर्स के 28, एमपीडब्ल्यू के 108 पद रिक्त हैं। जिले में कुल आठ प्राथमिक
स्वास्थ्य केन्द्र जिनमें ग्राम जवासियाकुमार, ढाबला, नान्देड़, रणायरापीर, खेड़ा खजुरिया, लोहाना,
खरसोदकला व चापाखेड़ा शामिल हैं, में चिकित्सक पदस्थ नहीं हैं। ये संस्थाएं चिकित्सकविहीन हैं।
कलेक्टर ने इस पर जिला आयुष अधिकारी डॉ.ओपी पालीवाल को निर्देश दिये कि वे आयुष
चिकित्सकों के अमले में से आठ चिकित्सकों की ड्यूटी स्थाई रूप से उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर
तत्काल प्रभाव से लगायें।
बैठक में संस्थागत प्रसव की समीक्षा की गई तथा घट्टिया तहसील में सबसे कम 35.55
प्रतिशत संस्थागत प्रसव होने पर असंतोष व्यक्त किया गया। कलेक्टर ने चरक चिकित्सालय की
क्षमता विकसित कर इसे न केवल जिले का बल्कि संभाग का सबसे बड़ा मेटरनिटी अस्पताल बनाने के
निर्देश दिये हैं।
1 एवं 2 अगस्त को लोक सेवा का कैम्प होगा
कलेक्टर ने जिले के सभी शासकीय अस्पतालों में आगामी 1 एवं 2 अगस्त को लोक सेवा
गारंटी शिविर लगाने के निर्देश दिये हैं। इन शिविरों में जननी सुरक्षा योजना एवं प्रसूति सहायता
योजना के बकाया प्रकरणों का निराकरण करते हुए सम्बन्धित हितग्राहियों को भुगतान किया जायेगा।
कलेक्टर ने उक्त योजनाओं के सभी प्रकरण 31 जुलाई तक निराकृत करने के निर्देश दिये हैं। 31
जुलाई के बाद पेंडिंग प्रकरण पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
कर्मचारियों का 15 दिन का वेतन रोकने के निर्देश
कलेक्टर ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के तहत जिले के बाल हृदय रोग से पीड़ित
बच्चों एवं ऐसे बच्चे जिन्हें श्रवण यंत्र या कॉक्लीयर इम्प्लांट के जरिये सुनने योग्य बनाया जा सकता
है, की पहचान करने में लापरवाही बरतने पर आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के जिला
स्तर के अधिकारी एवं विकास खण्ड स्तर के कर्मचारियों का 15 दिन का वेतन रोकने के निर्देश मुख्य
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दिये हैं।
बैठक में कलेक्टर ने ग्राम आरेाग्य केन्द्र के लिये प्रतिवर्ष दी जाने वाली 10 हजार रूपये की
सहायता का सदुपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा है कि जिन सचिवों द्वारा इस मद से धनराशि
आहरित कर उसका दुरूपयोग किया गया है, उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही प्रस्तावित की जाये।
‘मिल बांचे मप्र’ में चिकित्सक पंजीयन करवायें
आगामी 26 अगस्त को मिल बांचे मप्र कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इस दिन स्वेच्छा से
बुद्धिजीवी अपनी पसन्द का स्कूल चयन कर उसमें जाकर पढ़ायेंगे। कलेक्टर ने जिले के सभी
शासकीय चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ को निर्देश दिये हैं कि वे मिल बांचे मप्र अभियान में
ऑनलाइन अपना पंजीयन करायें। उन्होंने साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित
किया है कि वे निजी चिकित्सकों को भी इसमें शामिल करायें। मिल बांचे म.प्र. कार्यक्रम पंजीयन हेतु
http://schoolchalehum.mp.gov.in/fseh/schvolunteer.aspx पर क्लिक कर पंजीयन करवाया जा
सकता है।