ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार से 8 मार्च तक शिवनवरात्रि महा उत्सव मनाया जा रहा है।
ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार से 8 मार्च तक शिवनवरात्रि महा उत्सव मनाया जा रहा है। इन 9 दिन भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे। विशेष पूजन और श्रृंगार होगा। साल में एक बार दोपहर में होने वाली भस्म आरती आज दोपहर 12 बजे से होगी।
भगवान शिव के विवाह उत्सव का प्रारंभ कोटेश्वर महादेव के पूजन से हुआ। पं. महेश पुजारी ने बताया कि सुबह 8 बजे 11 पंडितों ने पंचामृत पूजन अभिषेक किया। भगवान वीरभद्र को जल अर्पित कर महाकाल के गर्भगृह में जाने की आज्ञा ली। 11 पंडितों ने महाकाल का अभिषेक पूजन किया।
पं. महेश पुजारी ने बताया कि दोपहर 3 से 5 बजे तक भगवान को मेखला अर्पित किए जाएंगे। शाम 7 बजे आरती से पहले श्रृंगार उतारा जाता है। 9 दिन अलग-अलग श्रृंगार होंगे।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की जलाधारी को जो परिधान धारण करवाए जाते हैं, उसका प्रचलित नाम मेखला या अंगवस्त्र है। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जलाधारी को कोई नुकसान न होऔर वह आरामदायक हो। इसे मौसम के अनुरूप तैयार करवाया जाता है।
9 दिन के लिए अलग-अलगमैचिंग परिधान अहमदाबाद गुजरात सेबनवाकर मंगवाए गए हैं। इन्हें वार केअनुसार रंग का निर्धारण कर धारण करवाया जाएगा। पहली बार शिव परिवार के साथ नंदीश्वर एक समान परिधान में दर्शन देंगे।
शिवनवरात्रि में ये क्रम रहेगा पूजन का...
29 फरवरी पहले दिन -भगवान की पूजा, कोटितीर्थ पर स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन करने के बाद प्रारम्भ होगी। मुख्य पुजारी पं.घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों के द्वारा देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना के साथ रूद्राभिषेक प्रारम्भ होगा। इसके बाद अपराह्न में 3 बजे पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकाल को नवीन वस्त्र धारण कर श्रृंगारित कर पूजा-अर्चना होगी।
1 मार्च -शिव नवरात्रि के दूसरे दिन सायं पूजन के पश्चात भगवान महाकाल ने शेषनाग धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे।। श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया जाएगा।सायं पूजन के पश्चात श्री महाकाल को नवीन वस्त्र धारण करवाये जाएंगे। साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर मुकुट, मुण्ड माला एवं फलों की माला के साथ शेषनाग धारण करेंगे।
02 मार्च शिव नवरात्रि के तीसरे दिन सायं पूजन के पश्चात बाबा महाकाल ने श्री घटाटोप स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। बाबा महाकाल को नवीन वस्त्र अर्पित कर कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र, माला एवं फलों की माला आदि पहनाई जाएगी।
03 मार्च- नवरात्रि के चौथे दिन सायं पूजन के पश्चात बाबा महाकाल ने छबीना स्वरूप धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। जिसमें प्रात: श्री महाकालेश्वर मंदिर के नैवैद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्र मौलेश्वर का पूजन होगा तथा कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव के पूजन के पश्चात बाबा श्री महाकाल को नवीन पीले रंग के वस्त्र धारण करवाये जाएंगे तथा भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री छबीना रूप का श्रृंगार कर बाबा को मुकुट, मुण्ड माला एवं फलों की माला आदि धारण की जाएगी।
04 मार्च -शिवनवरात्रि के पंचम दिवस सायं पूजन के पश्चात बाबा महाकाल ने मन महेश स्वरूप धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। जिसमें प्रात: श्री महाकालेश्वर मंदिर के नैवैद्य कक्ष में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन होगा सायं पूजन के पश्चात बाबा श्री महाकाल को नीले रंग के वस्त्र धारण करवाये जाएंगे, साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर को मन महेश स्वरूप का श्रृंगार कर बाबा को मुकुट, मुण्ड माल, एवं फलों की माला धारण करेंगे।
05 मार्च- शिवनवरात्रि के षष्टम दिवस सायं पूजन के पश्चा्त बाबा महाकाल " उमा- महेश" स्वरूप धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। कोटितीर्थ कुण्डे के पास स्थापित श्री कोटेश्ववर महादेव के पूजन के पश्चात बाबा श्री महाकाल को कत्थई रंग के वस्त्र धारण करवाये जाएंगे एवं भगवान श्री महाकालेश्ववर को उमा-महेश स्वेरूप का श्रृंगार कर मुकुट, मुण्डमाल, एवं फलों की माला धारण कराई जाएगी।
06 मार्च-शिवनवरात्रि के सप्तम दिवस सायं पूजन के पश्चात बाबा महाकाल ने होल्कर स्वरूप धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। बाबा महाकाल को लाल रंग के वस्त्र धारण करवाये जाएंगे, साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर को होल्कर का श्रृंगार कर बाबा को मुकुट, मुण्डमाल, एवं फलों की माला धारण कराई जाएगी।
होल्कर श्रृंगार
होल्कर श्रृंगार
07 मार्च- आठवें दिन भगवान श्री महाकाल शिव तांडव के रूप में दर्शन देंगे। शिव-नवरात्रि के आठवें दिन ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर का शृंगार शिव-तांडव स्वरूप में होगा। भगवान को वस्त्र, कुंडल, चंद्रमा, चांदी की नरमुंड और फलों की माला धारण कराई जायेगी।
08 मार्च -नवम दिवस महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर दिन भर जल अर्पित होगा और भगवान महाकाल निराकार स्वरूप में दर्शन देंगे। इस दौरान करीब 44 घंटे तक भगवान महाकाल के दर्शन का सिलसिला जारी रहेगा।
शिवनवरात्रि पर 9 दिन यह शृंगार होंगे -
29 फरवरी : चंदन, भांग शृंगार।
1 मार्च : शेषनाग शृंगार।
2 मार्च : घटाटोप शृंगार।
3 मार्च : छबीना शृंगार।
4 मार्च : होलकर शृंगार।
5 मार्च : मनमहेश शृंगार।
6 मार्च : उमा महेश शृंगार।
7 मार्च : शिव तांडव शृंगार।
8 मार्च : सप्तधान का मुखौटा।
महाशिवरात्रि पर 44 घंटे सतत खुले रहेंगे महाकाल के कपाट-
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल की नगरी में शिव भक्तों का तांता लगेगा। महाकाल मंदिर में सतत 44 घंटे दर्शन का सिलसिला चलेगा। महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रात: तीन बजे भस्मार्ती के लिए पट खुलेंगे। अल सुबह भस्म आरती के पश्चात प्रात: 7: 30 से 8:15 तक दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 बजे तक भोग आरती होगी। दोपहर 12 से 1 बजे तक तहसील की ओर से अभिषेक-पूजन होगा। शासकीय पूजन के पश्चात होलकर एवं सिंधिया परिवार द्वारा वंश परंपरानुसार अभिषेक पं.घनश्याम पुजारी द्वारा किया जाएगा। उसके पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं 6 बजे की आरती होगी। रात्रि 7 से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुंड पर स्थित कोटेश्वर महादेव का पंचामृत पूजन, सप्तधान अर्पण के बाद पुष्प मुकुट श्रृंगार आरती होगी।
भगवान को अर्पित होगा सहेरा-
महाशिवरात्रि पर्व के अगले दिन 9 मार्च को सुबह सप्त धान्य (चावल, मूंग खड़ा, तिल, मसूर खड़ा, गेहूं, जौ, उड़द खड़ा) महाकालेश्वर भगवान को अर्पण किया जाएगा। महाभोग महाआरती के बाद सेहरा दर्शन शुरू होंगे। और फिर वर्ष में एक बार होने वाली दोपहर की भस्म आरती दोपहर 12 होगी। इस दौरान श्रद्धालुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित रहेगा। पं. महेश पुजारी ने बताया कि बाबा महाकाल को 3 किवंटल फूलों का सेहरा चढ़ाया जाएगा। बाबा महाकाल को स्वर्ण के आभूषण, स्वर्ण का चंद्रमा, स्वर्ण का त्रिपुर्ण और स्वर्ण का तिलक लगाकर दूल्हा बनाया जाएगा। 3 किवंटल फूलों से 11फीट का सेहरा तैयार होगा। जिसमें 100 किलो आंकड़े के फूल, सवा सौ किलो बेल पत्र, 200 किलो देसी फूल से 11 फीट का सेहरा बनाया जाएगा