नीलाम भाव में कमी को लेकर किसान और व्यापारी में नोकझोंक
कृषि उपज मंडी में दोपहर 3.30 बजे नीलाम भाव में कमी को लेकर किसान और व्यापारी में नोकझोंक के बाद किसानों ने मंडी गेट पर जाम लगा दिया। इससे एक घंटे तक मार्ग अवरुद्ध रहा। मंडी प्रशासन के सचिव व उप संचालक प्रवीण वर्मा ने किसानों से चर्चा कर बताया कि मंडी में विधिवत रूप से बुधवार से नीलामी कार्य शुरू होगा।
व्यापारी संघ अध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल, सचिव हजारीलाल मालवीय के साथ मंडी प्रशासन की चर्चा हुई। व्यापारी संघ ने कहा सीजन शुरू हो चुका है। आवक बंपर होने लगी है। मंडी में छोटे-छोटे विवाद पर बंद का सामना करना पड़ता है। अतः सीजन में किसी प्रकार का विवाद न हो, इसके लिए किसान, व्यापारी, श्रमिक, हम्माल, तुलावटी के साथ समन्वय से मंडी का सुचारू संचालन होता रहे, इसकी प्लानिंग जरूरी है। मंडी प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर सीजन पर किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े और व्यापारियों को भी माल खरीदी में बाधा उत्पन्न न हो, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
मंडी का नीलाम कार्य बुधवार को सुबह 9.30 से दोपहर 12.30 बजे तक तथा दोपहर 2 बजे से नियत किया गया है। गेहूं उपज पर मौसम की मार, क्वालिटी खराब हो गई कोहरे और बारिश में गेहूं उपज को प्रभावित किया है। उज्जैन मंडी में करीब 25000 बोरी गेहूं किसान सुबह बेचने आए। क्वालिटी हल्की, मिल क्वालिटी गेहूं अधिक बिकने आया। मौसम की मार से गेहूं जल भी गया। गेहूं की क्वालिटी भी खराब हो गई और पैदावार प्रति बीघा 40 से 50 प्रतिशत रह गई। किसानों को शुरुआती दौर में गेहूं उपज में लाभ नहीं मिल रहा है। गेहूं के सरकारी समर्थन दाम 2275 रुपए के घोषित हैं।
उज्जैन के गेहूं के भाव कलर और चमक पर ही ऊंचे मिलते हैं। गेहूं का चलता सीजन कमजोर भाव वाला होने से किसानों को कम पैदावार मिलने से घटते भाव पसंद नहीं आ रहे हैं। गेहूं कारोबारी अमर अग्रवाल ने बताया नई आवक में धीरे-धीरे सुधार होगा। इधर दोपहर बाद किसानों ने भाव कमी को लेकर मंडी बंद कर दी। शाम 4.30 बजे तक मंडी शुरू नहीं हो पाई थी। सीजन में इस तरह की समस्याएं आती हैं। गीले-सूखे के अंतर में भाव में घट-बढ़ होती है।