पत्नी छोड़कर गई अकेलेपन में बुजुर्ग ने उठाया खौफनाक कदम
जीवाजीगंज पुलिस ने बताया कि किशनचंद (60) पिता गोपालदास बसरानी थाने के सामने गली में रहते हैं। रविवार रात को उनके भाई मनोज और दिलीप ने पुलिस को सूचना दी थी। मनोज का कहना था कि उन्हें भाई की मौत के बारे में मकान मालिक ने सूचना दी है। पुलिस मौके पर पहुंची तो किशनचंद के हाथ पर बिजली का खुला तार बंधा था और दूसरा सिरा बिजली के बोर्ड में लगा था, उसका बटन चालू था। मकान मालिक ने बताया कि देर रात को किशनचंद को आवाज लगाई थी पर वे नहीं उठे तो खिड़की से झांककर देखा तो वे जमीन पर पड़ेे हुए थे।
परिवार वालों ने बताया कि दो साल पूर्व उनकी पत्नी भी छोड़कर मायके चली गई पिता का भी 6 माह पूर्व देहांत हो गया। हाल ही में उनकी भाभी का भी निधन हो गया था। ऐसे में वे अकेलेपन के अवसाद में थे। उनके मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि वे दो दिन पहले ही कह रहे थे कि अब जीने का मन नहीं करता। सोमवार सुबह पुलिस ने पीएम करवा शव परिजनों को सौंपा और आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी।
अवसाद से बचने के लिए पसंदीदा कार्यों में समय व्यतीत करें
कोरोना के बाद से कई परिवारों में इस तरह की समस्या आई है। यदि किसी को अपने अंदर किसी प्रकार के डिप्रेशन के लक्षण नजर आए तो फौरन इसे नियंत्रित करना जरूरी है। इसका पहला लक्षण है किसी एक बात को बार बार दिमाग में लाना। इसके लिए जरूरी है की रात को समय पर सोएं, खुद के साथ वक्त बिताने के साथ प्रकृति के बीच समय बताएं। अपनी पसंदीदा कार्यों को करें। खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें, मेडिटेशन करें। साथ ही परिजनों को भी डिप्रेशन वाले व्यक्ति का खास ध्यान रखना चाहिए। उसे अकेला न छोड़ें।
- प्रोफेसर डॉ. पराग ढोबले, एमबीबीएस, एमडी, न्यूरो साइकियाट्रिस्ट