आंदोलन के 12वें दिन तक भी किसान और सरकार के बीच नहीं हो सका समझौता
नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Law) के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन(Farmers Protest) आज (सोमवार) 12वां दिन है और किसान दिल्ली की सीमाओं पर अब भी डटे हुए हैं. किसान अपनी मांगों पर समझौता करने के लिए राजी नहीं है और उनकी सरकार से 5 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन इन सबके बावजूद समाधान कहीं भी नहीं दिख रहा.
किसानों के 8 दिसंबर के बंद को बीएसपी की अध्यक्ष मायावती ने समर्थन देने का ऐलान किया है. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि कृषि से संबंधित 3 नए कानूनों की वापसी को लेकर देशभर में किसान आंदोलित हैं और उनकी पार्टी बीएसपी 8 दिसंबर को किसानों के 'भारत बंद' का समर्थन करती है. साथ ही, केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को मानने की भी फिर से अपील करती है.
सरकार और किसानों के बीच 9 दिसंबर को छठे दौर की बातचीत होगी, लेकिन इससे एक दिन पहले यानी 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद (Bharat Band) का आह्वान किया है. किसानों के इस आंदोलन के बहाने अब सियासी दलों को भी सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल गया है और भारत बंद में विपक्ष को एक अवसर दिख रहा है, जिसे भुनाने में तमाम पार्टियां जुट गई हैं.
सरकार ने विपक्ष पर लगाया ये आरोप
प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच सरकार किसानों से लगातार बातचीत करके समाधान निकालने की कोशिश भी कर रही है और इनके बीच विपक्षी नेता भी आपदा में अवसर ढूढ़ने में लगे हैं. सरकार भी लगातार आरोप लगा रही है कि विपक्ष किसानों के आंदोलन में आग में घी डालने का काम कर रहा है, लेकिन इन आरोपों से बेखबर विपक्ष ने 8 दिसंबर के भारत बंद को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
बंद के समर्थन में ये पार्टियां
किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार से बाहर होने वाली शिरोमणि अकाली दल, पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी आ गए हैं. बंद पर हो रही सियासत पर आम आदमी पार्टी कूद पड़ी है. वहीं कांग्रेस पहले ही भारत बंद का समर्थन का ऐलान कर चुकी है.
बीजेपी के सहयोगी भी बना रहे दबाव
बंद को लेकर हो रही राजनीति पर बीजेपी विपक्षी दलों की नीयत पर सवाल उठा रही है, लेकिन पार्टी की परेशानी सिर्फ विपक्ष दलों से ही नहीं है. राजस्थान में बीजेपी की पार्टनर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाने में जुट गई है. सरकार की कोशिश किसी भी तरह किसानों को मनाकर इस आंदोलन को खत्म करने की है. तो विपक्ष भी इसे बड़ा मुद्दा बनाकर मोदी सरकार को घेरने की फिराक में है.
किसानों के समर्थन में आए पंजाब के खिलाड़ी
किसानों के समर्थन में अब पंजाब के खिलाड़ी भी आगे आए हैं. पद्मश्री अवॉर्ड, अर्जुन अवॉर्ड, द्रोणाचार्य अवॉर्ड और ध्यानचंद अवॉर्ड पाने वाले पंजाब के कई खिलाड़ी आज किसानों के समर्थन और सरकार के विरोध में में राष्ट्रपति को अपने पुरस्कार वापस करेंगे. किसानों का समर्थन करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे बॉक्सर विजेंदर सिंह ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि अगर तीन नए कृषि कानून वापस नहीं किए गए तो वो भी अपने अवॉर्ड वापिस कर देंगे.