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भारत-अमेरिका में बनी BECA पर सहमति


भारत और अमेरिका के बीच तीसरी 2+2 मंत्री स्तरीय बैठक नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में शुरू हो गई है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अपने भारतीय समकक्षों एस. जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ बैठक में शामिल हुए हैं। भारत और अमेरिका के बीच BECA (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) पर सहमति बन गई है।

इसमें रक्षा एवं सुरक्षा संबंधों के साथ-साथ प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत का चीन के साथ सीमा पर गतिरोध जारी है और इस मुद्दे पर चर्चा होने की भी उम्मीद है।

भारत-अमेरिका के बीच हुआ 'BECA' समझौता
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें खुशी है कि हमने BECA (बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट) पूरा कर लिया है, जिससे सूचना साझाकरण में नए रास्ते खुलेंगे। हम अमेरिका के साथ आगे के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने आज सुबह वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। भारत और अमेरिका के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट ऑन जिओस्पैशिअल कोऑपरेशन (बेका) को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता होना है। इस समझौते से भारत को अमेरिकी क्रूज मिसाइलों व बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी तकनीक मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। साथ ही भारत अमेरिका से संवेदनशील सैटेलाइट डाटा भी ले सकेगा इससे दुश्मन देशों की हर गतिविधि पर करीब से नजर रखी जा सकेगी।

इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने सोमवार को एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वार्ता पर संतुष्टि जताई। माइक पोंपियो ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों गहरे हो रहे हैं।

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया, दोनों मंत्रियों ने इस बात पर संतोष जताया कि इस यात्रा के दौरान 'BECA' पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने मालाबार सैन्य अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने का स्वागत किया। इसके अलावा दोनों मंत्रियों के बीच दोनों देशों की सेनाओं के बीच और संयुक्त स्तर पर सहयोग के नए क्षेत्रों पर विचार विमर्श हुआ।

उधर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत एक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय लीडर है। अमेरिका चाहता है कि उसके साथ चौतरफा करीबी संबंध विकसित हों। भारत को बड़ी अर्थव्यवस्था, उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने की सरकार की नीति और विश्व की एक बड़ी आर्थिक शक्ति बताते हुए अमेरिका ने कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी एक समान मत रखते हैं।

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