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आयुर्वेद से हो सकेगा कोरोना का ईलाज, सरकार ने दी मंजूरी



कोरोना के मोर्चे पर एक और अच्‍छी खबर है। कोरोना के इलाज में आयुर्वेद कारगर है या नहीं, और यदि है तो क्‍या इसका उपयोग किया जा सकता है, लंबे समय से चली आ रही ऐसी अटकलों पर अब विराम लग गया है। सरकार ने आयुर्वेद से कोरोना वायरस के उपचार को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब यह काम पूरी तरह से कानूनी ढंग से किया जा सकेगा। अभी तक प्राप्‍त जानकारी के अनुसार शुरुआत में इसके लिए एक तय प्रक्रिया का पालन करना होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि बाजार में सामान्य रूप से उपलब्ध आयुर्वेदिक दवाओं को मरीज खुद भी प्रोटोकॉल के मुताबिक इस्तेमाल कर सकता है। पहली बार सरकारी तौर पर आयुर्वेद और योग को किसी महामारी के इलाज के लिए आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई है। अभी तक आयुर्वेदिक डॉक्टर खुद अपने अनुभव के आधार पर आयुर्वेदिक फॉर्मूलों से मरीजों का इलाज कर रहे थे। इस में एकरूपता नहीं होने से कई तरह की भ्रांतियां पैदा हो रही थीं। प्रोटोकॉल जारी होने के बाद सभी भ्रांतियों पर विराम लग जाएगा। कोरोना का इलाज अब पूरी तरह से आयुर्वेद और योग से हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए विस्तृत गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल जारी किया है।

सिर्फ माइल्ड और मोडेरेट केसों का ही इलाज
इस प्रोटोकॉल के तहत कोरोना के सिर्फ माइल्ड और मोडेरेट केसों का ही इलाज किया जा सकेगा। गंभीर मामलों में कोरोना के मरीजों को एलोपैथिक इलाज के लिए कोविड अस्पताल में भेजना अनिवार्य किया गया है। प्रोटोकॉल जारी करते हुए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज में ट्रायल के दौरान आयुर्वेदिक दवाओं और योग के प्रामाणिक रूप से प्रभावी पाए जाने के बाद इसे औपचारिक रूप से इलाज में शामिल करने का फैसला किया गया। विशषज्ञों की टीम ने इसके लिए प्रोटोकॉल तैयार किया है।

जानिये क्‍या है इस गाइडलाइन में
प्रोटोकॉल में विस्तार से बताया गया है कि मरीजों को कौन-कौन सी आयुर्वेदिक दवाएं कितनी मात्रा में कितनी बार देनी हैं। इसी तरह से मरीजों के लिए योग के जरूरी आसनों के बारे में भी बताया गया है। नीति आयोग के सदस्य और कोरोना पर बनी टास्क फोर्स के प्रमुख डॉक्टर वीके पॉल के अनुसार प्रोटोकॉल तैयार हो जाने के बाद देश के सभी आयुर्वेदिक अस्पतालों में कोरोना मरीजों का एक समान प्रामाणिक इलाज सुलभ हो सकेगा। आयुर्वेदिक डॉक्टर किसी माइल्ड या मोडरेट मरीज को होम आइसोलेशन के दौरान इन दवाओं को दे सकते हैं।

मुफ्त में दे रहे हैं आयुर्वेदिक दवाएं
कोरोना काल में इम्युनिटी बूस्टर के रूप में आयुर्वेदिक दवाइयां काफी सफल रही हैं। दिल्ली, पंजाब, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्य अपने पुलिसकर्मिंयों को इम्युनिटी बूस्टर के रूप में आयुर्वेदिक दवाएं मुफ्त में दे रहे हैं। इनकी बड़ी मात्रा में मांग को देखते हुए विभिन्न आयुर्वेदिक कंपनियां इम्युनिटी बूस्टर बना रही हैं। डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि इम्युनिटी बूस्टर से कोरोना के इलाज तक आयुर्वेद कोरोना काल में अपनी अहमियत साबित करने में सफल रहा है।

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