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जोरदार हंगामें के बीच संसद में पास हुआ कृषि बिल


संसद के मानसून सत्र के सातवें दिन रविवार को कृषि बिल को लेकर राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। कई सांसद वेल में पहुंच गए। TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ी गई। चेयर के सामने लगा माइक तोड़ा गया। राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद भारी हंगामे के बीच कृषि से जुड़े दो बिल ध्वनि मत से पास हो गए। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित की गई।

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में कृषि से जुड़े विधेयकों को राज्यसभा में पेश किया। उन्होंने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 प्रस्तुत किया। लोकसभा से दोनों बिल पहले ही पास हो चुके थे। कृषि बिल को लेकर राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ। इस दौरान टीएमसी समेत कई विपक्षी पार्टियों के सांसद वेल में पहुंच गए। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने रूल बुक फाड़ी। उपसभापति के सामने का माइक तोड़ दिया गया। मतविभाजन की मांग और सदन की कार्यवाही टालने की मांग को नहीं मानने पर यह हंगामा हुआ। इसके बाद सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित की गई। इसके बाद ध्वनि मत के जरिए वोटिंग की करवाई गई और कृषि संबंधी विधेयक पारित हो गए।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कि क्या सरकार देश को आश्वस्त कर सकती है कि कृषि सुधार विधेयकों के पारित होने के बाद, किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा? उन्होंने कहा कि इन विधेयकों पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।

अकाली दल की चेतावनी:
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सांसद नरेश गुजराल ने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग करते हुए कहा कि सभी हितधारकों की बातों को सुना जाना चाहिए। सरकार को किसानों को कमजोर नहीं समझना चाहिए।

किसानों के लिए डेथ वारंट:
राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध करती है। पार्टी किसानों के इस डेथ वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।

कृषि मंत्री तोमर ने पेश किया कृषि विधेयक:
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होंगे। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि इस बिल से किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इस बिल से किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा।

किसानों से जुड़े संगठन इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, विपक्ष भी इन बिलों का विरोध कर रहा है। केंद्र सरकार इसे किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है। 243 संख्या वाले राज्यसभा में ऐसे दलों की सदस्य संख्या 125 के आसपास है जो समर्थन करेंगे। वहीं विपक्ष में खड़ी शिवसेना ने कांग्रेस को साफ कर दिया है कि वह विरोध तो करेगी लेकिन वोट नहीं करेगी।

कांग्रेस करेगी विधेयक का विरोध:
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह साफ है कि इस सरकार का मकसद हमारे किसानों को नष्ट करना और कॉर्पोरेट की मदद करना है। हमारी पार्टी ने कृषि विधेयकों का विरोध करने का निर्णय लिया है। सरकार को विधेयकों पर पुनर्विचार करना होगा, कम से कम उन्हें इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजना चाहिए।

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