जानिये 5 सूत्रीय फॉर्मूला, जिस पर राजी हुए भारत-चीन
भारत चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच रूस के मास्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की अहम बैठक हुई। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच इस मुलाकात में दोनों देश 5 सूत्रीय फॉर्मूले पर सहमत हुए हैं। इसका मकसद सीमा पर तनाव घटाना है। हालांकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी चीनी समकक्ष को साफ कर दिया है कि सीमा पर भारत की स्थिति नहीं बदलेगी, क्योंकि सीमा उल्लंघन करना भारत का एजेंडा नहीं है। भारत एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल) पर तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है। यह बैठक करीब दो घंटे चली।
भारत-चीन के बीच इन 5 सूत्रीय बिंदुओं पर बनी सहमति
- दोनों देश मान रहे हैं कि आपसी मतभेदों को विवाद नहीं बनने दिया जाए।
- सहमति बनी है कि विवाद वाली जगहों से सेना पीछे हटा ली जाए।
- तय कार्यक्रम के अनुसार, विभिन्न स्तर पर वार्ता जारी रहेगी।
- दोनों देश मौजूदा संधियों और प्रोटोकॉल्स को मानने के लिए सहमत हैं।
- कोई देश ऐसा कदम नहीं उठाएगा जिससे तनाव और बढ़े।
जापान और ताइवान ने भी दी चीन को चेतावनी
चीनी की हरकतें अब बाकी देशों को भी परेशान करने लगी हैं। मास्को में विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान जापान और ताइवान ने भी चीन को चेतावनी दी। ताइवान ने कहा है कि चीन लाइन को क्रॉस न करे और अपने फाइटर जेटों को ताइवान की हवाई सीमा का उल्लंघन करने से रोके। यदि उसने ऐसा किया तो जवाब दिया जाएगा। वहीं जापान के रक्षा मंत्री तारो कोनो ने चीन को अपने देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा करार दिया है।