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पाकिस्‍तान की मदद से हुआ था पुलवामा हमला, चार्जशीट दाखिल



जम्मू । पुलवामा हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को अदालत में आरोपपत्र दायर किया। करीब 13,500 पन्नों पर आधारित आरोपपत्र में पूरी साजिश का पर्दाफाश करते हुए खुलासा किया कि पुलवामा हमला आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने पाकिस्तानी सेना व उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के सहयोग से करवाया था। आरोपपत्र में मसूद अजहर और रौउफ असगर समेत 19 लोगों को आरोपित बनाया गया है। इनमें से छह सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा चुके हैं। छह फरार आरोपितों में से चार पाकिस्तान और दो कश्मीर में ही कहीं छिपे हुए हैं। इसके अलावा सात आरोपित हिरासत में हैं।

इन सात में एक 22 वर्षीय युवती और उसके पिता भी शामिल हैं। पुलवामा हमले में प्रयोग हुआ आरडीएक्स पाकिस्तान से लाया गया था, जबकि मुख्य आरोपित उमर फारूक अप्रैल 2018 में सीमा पार कर सांबा सेक्टर के रास्ते जम्मू-कश्मीर में दाखिल हुआ था। आतंकियों द्वारा विस्फोटकों की खरीद के लिए ऑनलाइन शॉपिग प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया गया था। यह आरोपपत्र पुलवामा हमले के लगभग डेढ़ वर्ष बाद दायर किया गया है। वहीं, आरोपों पर बहस पहली सितंबर 2020 से शुरू होगी।

मसूद अजहर ने उमर फारूक को भेजा था कश्मीर
एनआइए के अनुसार, पुलवाम हमले को अमली जामा पहनाने के लिए मसूद अजहर ने अपने भतीजे उमर फारूक को विशेष तौर पर कश्मीर भेजा था। उमर फारूक बाद में अपने एक अन्य साथी संग 29 मार्च 2019 को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। उमर फारूक के पिता इब्राहिम अतहर ने 1999 में विमान अपहरण में अहम भूमिका निभाई थी। मसूद अजहर के अलावा आरोपितों में उसका भाई रौउफ असगर और एक अन्य रिश्तेदार अम्मार अल्वी भी शामिल है।

एनआइए ने हमले की साजिश का पर्दाफाश करने में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, विभिन्न आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्करों के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत, वाट्सएप चैटिग, टेलीग्राम पर भेजे गए वीडियो संदेश इत्यादि का भी सहारा लिया। एनआइए के मुताबिक, पुलवामा हमले की साजिश पाकिस्तानी सेना के सहयोग से जैश सरगना मसूद अजहर ने भारत में अफरा-तफरी फैलाने और कश्मीर में आतंकी हिसा को बढ़ाने के लिए की थी।

उमर फारूक ने अफगानिस्तान में ली थी ट्रेनिग :
जांच में पता चला है कि जैश अपने कैडर को अफगानिस्तान स्थित अल कायदा, तालिबान और हक्कानी गुट के कैंपों में ट्रेनिग के लिए भेजता है। पुलवामा हमले का मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर फारूक भी वर्ष 2016-17 के दौरान अफगानिस्तान में ट्रेनिग ले चुका था।

पाकिस्तान का था हाथ
एनआइए के अधिकारियों ने अदालत को बताया कि पुलवामा हमले को अंजाम देने में जैश सरगना मसूद अजहर की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और पाक सेना ने भी पूरी मदद की। उन्होंने इन आरोपों को साबित करने के लिए कोर्ट के समक्ष सुबूत भी पेश किए। हमले में अपनाई गई तकनीक, सामग्री और घटना स्थल से जुटाए गए सुबूत यह साबित करते हैं कि इसमें पाकिस्तान का ही हाथ था। उन्होंने अदालत को बताया कि उमर फारूक ने हमले को अंजाम देने के लिए दो आत्मघाती आतंकी तैयार किए थे। इनमें से एक आदिल डार ने 14 फरवरी को पुलवामा हमले का अंजाम दिया और मौके पर ही मारा गया।

40 CRPF कर्मी हुए थे शहीद
जैश के एक स्थानीय आत्मघाती आदिल डार ने 14 फरवरी 2019 को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर लिथपोरा (पुलवामा) में सीआरपीएफ के काफिले पर विस्फोटकों से लदी कार के साथ हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हो गए थे।

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