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14 सितंबर से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, कोरोना के चलते ऐसी होगी व्‍यवस्‍था


नई दिल्ली । कोरोना महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होने वाला हैं। संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक संसद सत्र चलाने का प्रस्ताव किया है। 18 दिवसीय सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में कोरोना वायरस से बचने के लिए बहुत सावधानियां बरती जाएंगी। संसद की कार्यवाही बिना किसी छुट्टी के रोजाना चलेगी। एक सदन की कार्यवाही सुबह की पारी में चलेगी तो दूसरी शाम की पारी में होगी।

अनलॉक-4 के बाद होगी संसद की बैठक
मार्च महीने में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था जिसे चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है। अनलॉक-4 में छूट के बाद संसद की बैठक बुलाई जाएगी। इसके लिए दोनों सदनों में सदस्यों के बैठने के बंदोबस्त को लेकर विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए सदस्यों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखने के उद्देश्य से दोनों सदनों की गैलरियों और चैंबरों का उपयोग किया जाएगा।

राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बीच 17 जुलाई को हुई बैठक में सदन की गैलरी और चैंबर में सदस्यों के बैठने के बंदोबस्त के बारे में फैसला किया गया था। उसी दौरान प्रस्तावित प्रबंध की विस्तार से समीक्षा की गई थी। नायडू ने सभी अफसरों को अगस्त के तीसरे सप्ताह तक तैयारियों को निपटा लेने का निर्देश दिया था। उसके बाद फाइनल समीक्षा, परीक्षण और रिहर्सल की जानी है। मालूम हो कि कोरोना संक्रमण की वजह से संसद का बजट सत्र अपने निर्धारित समय से पहले 23 मार्च को स्थगित कर दिया गया था। संसदीय प्रावधान के मुताबिक प्रत्येक छह महीने में संसद सत्र बुलाया जाना चाहिए।

बदलेगी बैठक व्यवस्था
- संसद के इतिहास में 1952 के बाद बदलेगी व्यवस्था।
- राज्यसभा के 60 सदस्य राज्यसभा कक्ष में और 51 दीर्घाओं में बैठेंगे।
- शेष 132 की व्यवस्था लोकसभा कक्ष में होगी।

शारीरिक दूरी के लिए
- सदन में चार बड़ी डिस्प्ले स्क्रीन होंगी और चार दीर्घाओं में छह छोटी स्क्रीन लगाई जाएंगी।
- ऑडियो कंसोल की व्यवस्था की जाएगी।
- ऑडियो-वीडियो सिग्नल ट्रांसमिशन के लिए सदनों के मध्य विशेष तार बिछाए जाएंगे।
- पॉली कार्बोनेट शीट के जरिये सदन से गैलरी को अलग किया जाएगा।

प्रधानमंत्री और मंत्रियों के लिए ये होगी व्यवस्था
- विभिन्न दलों को संबंधित संख्या के आधार पर राज्यसभा के चैंबर और दीर्घाओं में सीटें आवंटित की जाएंगी और शेष को लोकसभा के कक्ष में बैठाया जाएगा।
- राज्यसभा कक्ष में प्रधानमंत्री, सदन के नेता, विपक्ष के नेता और अन्य दलों के नेताओं के लिए सीटें निर्धारित की जाएंगी।
- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा के अतिरिक्त रामविलास पासवान और रामदास आठवले भी यहां बैठेंगे।
- सत्ता पक्ष के बैठने के नियत स्थान पर अन्य मंत्रियों की सीटें सुनिश्चित होंगी।

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