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पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में पहुंचा शिवना नदी का पानी


 अब तक मानसून की बेरुखी से परेशान मध्य प्रदेश के चार संभागों पर शुक्रवार-शनिवार मेघ मेहरबान रहे। भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, सागर संभाग में भारी बरसात हुई। इससे कई स्थानों पर बाढ़ के हालात बन गए। वर्तमान में अरब सागर पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। उसके प्रभाव से रविवार, सोमवार को प्रदेश के राजस्थान-गुजरात की सीमा से लगे जिलों में अच्छी बरसात होगी। इस दौरान कहीं-कहीं भारी बरसात भी हो सकती है। मौसम विज्ञानी वेदप्रकाश सिंह के मुताबिक अभी निम्न दाब का क्षेत्र ग्वालियर संभाग के दक्षिणी हिस्से में गुना के ऊपर है। इससे इंदौर में शनिवार को भारी बारिश हुई। यह सिस्टम 24 घंटे में राजस्थान की ओर बढ़ेगा। इसके असर से रविवार को इंदौर में मध्यम से तेज बारिश होगी। इंदौर संभाग के धार, आलीराजपुर और मंदसौर जिले में रविवार को अत्यधिक बारिश होने की संभावना है।

मंदसौर जिले में तेज बारिश के बाद पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में पानी पहुंच गया। भारी बारिश की वजह से शिवना नदी में अब उफान आ गया है।

बंगाल की खाड़ी में कल बनेगा सिस्टम
बंगाल की खाड़ी में सोमवार को एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। इस सिस्टम के मंगलवार को आगे बढ़ने की संभावना है। इसके बाद प्रदेश में बरसात का एक और दौर शुरू हो सकता है।

इंदौर में बारिश का रिकॉर्ड टूटा
इंदौर में 39 साल का रिकॉर्ड टूट गया और 36 घंटे में एक फीट से ज्यादा बारिश दर्ज हुई। वहीं भोपाल में 14 साल में दूसरी बार एक दिन में सर्वाधिक 23 सेंटीमीटर (नौ इंच इंच) बरसात हुई। इसके पूर्व 14 अगस्त 2006 को 24 घंटे में 29.6 सेमी (11.65 इंच) बारिश हुई थी। भारी बारिश से इंदौर भोपाल की कई बस्तियों में पानी भर गया। नर्मदा, शिप्रा नदी-नाले उफान पर आ गए। इंदौर में तीन माह का कोटा पूरा इंदौर में शनिवार सुबह 8:30 बजे तक बीते 263.4 मिमी (10.3 इंच) बारिश ने 24 घंटे में सर्वाधिक वर्षा का 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।

भोपाल शहर में शनिवार सुबह 8.30 बजे समाप्त 24 घंटे में 23.3 (नौ इंच से ज्यादा) वर्षा हुई। होशंगाबाद में 7 इंच, रायसेन में
शनिवार सुबह तक बीते 36 घंटे में इंदौर में कुल 318.8 मिमी (12.5 इंच) बारिश हुई। यह एक फीट से ज्यादा है। इंदौर मौसम केंद्र के विज्ञानी अमितेश यादव के मुताबिक इंदौर में इससे पहले 10 अगस्त 1981 को 24 घंटे में 212.6 मिमी (8.3 इंच) बारिश हुई थी। हालांकि इससे पहले 27 जुलाई 1913 को 24 घंटे में सर्वाधिक 11.5 इंच बारिश का रिकॉर्ड कायम है। मानसून सीजन के चार माह में इंदौर में औसत बारिश 901.3 मिमी (35.4 इंच) होती है। शनिवार को इंदौर में पिछले तीन माह की औसत बारिश (27.8 इंच) का कोटा भी पूरा हो गया।

भोपाल में नौ इंच, होशंगाबाद में 7 इंच
5.78 इंच, उज्जैन में साढ़े छह इंच, सागर 2.08 इंच, रतलाम, बैतूल में करीब दो इंच व खजुराहो में डेढ़ इंच तथा दमोह में 1.41 इंच वर्षा हुई। इसलिए हुई इतनी वर्षा भोपाल मौसम केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि गहरे कम दाब का क्षेत्र पूर्वी मध्य प्रदेश में पहुंचा तो उसे अरब सागर से भी नमी मिलना शुरू हो गई। इस वजह से वह न केवल शक्तिशाली हुआ बल्कि स्थिर भी बना रहा। मानसून ट्रफ में सिस्टम से होकर बंगाल की खाड़ी तक द्रोणिका बनी रही। इस वजह से भोपाल, इंदौर, सागर, होशंगाबाद संभाग में भारी बरसात हुई।

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