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अब कहीं भी, कभी भी ऑन डिमाण्‍ड हो सकेगी कोरोना टेस्टिंग


देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है। अब सरकार ज्यादा से ज्यादा जांच पर जोर दे रहा है, ताकि बीमार लोगों को पता लगाकर उनका इलाज किया जा सके। इस तरह वायरस को फैलने से रोका जा सकेगा। इस बीच, केंद्र सरकार ने कहा है कि जल्द ही लोग खुद ही कहीं भी, कभी भी कोरोना का टेस्ट करवा सकेंगे। इसके लिए सरकार टेस्टिंग के दिशानिर्देशों को बदलने पर विचार कर रही है। फिलहाल कोरोना वायरस का टेस्ट सिर्फ उन्हीं सरकारी या निजी लेबोरेटरी में कराया जा सकता है, जिन्हें आईसीएमआर ने इसके लिए अनुमति दी है। नीति आयोग के सदस्य और कोरोना वायरस पर उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष डॉक्टर वीके पॉल ने यह बात कही है। उनके मुताबिक, हमारी टेस्टिंग की क्षमता अब इस स्तर पर पहुंच गई है कि ऑन डिमांड टेस्टिंग की इजाजत दी जा सके।

डॉ. पॉल के आगे बताया, देश में रोज टेस्टिंग का आंकड़ा बढ़ रहा है। यह अभी न सिर्फ 9 लाख को पार कर गया है, बल्कि इसके टेस्टिंग किट भी पूरी तरह देश में बन रहे हैं। सरकारी के साथ-साथ बड़े पैमाने पर निजी लैब भी टेस्टिंग कर रहे हैं और एक तरह से यह सभी के लिए सुलभ भी हो गया है। लेकिन आम लोगों के लिए "ऑन डिमांड टेस्टिंग" की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गाइडलाइंस में बदलाव की जरूरत है, जो जल्द कर लिया जाएगा।

क्या होगी ऑन डिमांड टेस्टिंग की कीमत
कोरोना वायरस टेस्टिंग की कीमत पर स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि विभिन्न राज्यों ने अपने-अपने यहां टेस्टिंग की रेट तय रखी है। लेकिन उसमें और भी कमी आने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। देश में बनने वाले अधिकांश टेस्टिंग किट अब सरकारी खरीद के पोर्टल जेम (गवर्नमेंट ई मार्केट) पर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें यदि टेस्टिंग किट को खरीदने के लिए जेम का इस्तेमाल करें, तो उन्हें बेहतर और सस्ते किट मिल सकते हैं।

राजेश भूषण ने पिछले 5 दिनों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की अधिक संख्या और मरने वाले मरीजों की संख्या में आई गिरावट को अच्छा संकेत बताया। साथ ही यह भी साफ कर दिया कि इतने बड़े देश में 5दिन के आंकड़ों के आधार पर आश्वस्त नहीं हुआ जा सकता है। कोरोना वायरस को रोकने की मौजूदा कोशिशों को जारी रखना होगा। मौत के आंकड़े को और कम करना जरूरी है और मृत्युदर को एक फीसद से नीचे लाना हमारा टारगेट है।

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