स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया देश के नाम संबोधन
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज राष्ट्र के नाम संबोधन दे रहे हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कोरोना महामारी के दौर में देश की स्थिति, सरकार के कार्यों एवं समाज के सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौर में सरकार ने किसानों, छोटे व्यापारियों के लिए कारगर कदम उठाए हैं। 15 अगस्त को हम सभी तिरंगे को लहराते हुए स्वाधीनता दिवस समारोह में भाग लेकर और देशभक्ति से भरे गीत सुनकर उत्साह से भर जाते हैं। हमारे युवाओं के लिए यह स्वाधीनता के गौरव को महसूस करने का दिन है। इस अवसर पर हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं। उनके बलिदान के बल पर ही हम सब आज एक स्वाधीन देश के निवासी हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी। इसका कारण स्पष्ट है। पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है। सरकार के असाधारण प्रयासों के बल पर, घनी आबादी और विविध परिस्थितियों वाले हमारे विशाल देश में, इस चुनौती का सामना किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य सरकारों ने भी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की और जनता ने पूरा सहयोग दिया। इन प्रयासों से हमने वैश्विक महामारी की विकरालता पर नियंत्रण रखने और बहुत बड़ी संख्या में लोगों के जीवन की रक्षा करने में सफलता प्राप्त की है। यह पूरे विश्व के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण है। राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं।
कोविंद ने कहा कि ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं। इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। ये सभी योद्धा अपने कर्तव्य की सीमाओं से ऊपर उठकर लोगों की जान बचाते हैं और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं। महामारी के इसी संकट काल में पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए ‘अम्फान’ चक्रवात ने भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे हमारी चुनौतियां और बढ़ गईं। इस आपदा के दौरान, जान-माल की क्षति को कम करने में आपदा प्रबंधन दलों, केंद्र और राज्यों की एजेंसियों तथा सजग नागरिकों के एकजुट प्रयासों से काफी मदद मिली।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस महामारी का सबसे कठोर प्रहार, गरीबों और रोजाना आजीविका कमाने वालों पर हुआ है। संकट के इस दौर में, उनको सहारा देने के लिए, वायरस की रोकथाम के प्रयासों के साथ-साथ, अनेक जन-कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की शुरूआत करके सरकार ने करोड़ों लोगों को आजीविका दी है, ताकि महामारी के कारण नौकरी गंवाने, एक जगह से दूसरी जगह जाने तथा जीवन के अस्त-व्यस्त होने के कष्ट को कम किया जा सके।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी परिवार को भूखा न रहना पड़े, इसके लिए जरूरतमन्द लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। इस अभियान से हर महीने, लगभग 80 करोड़ लोगों को राशन मिलना सुनिश्चित किया गया है। दुनिया में कहीं पर भी मुसीबत में फंसे हमारे लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध, सरकार द्वारा ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत, दस लाख से अधिक भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है। भारतीय रेल द्वारा इस चुनौती-पूर्ण समय में ट्रेन सेवाएं चलाकर, वस्तुओं तथा लोगों के आवागमन को संभव किया गया है।
हमारे स्वाधीनता संग्राम के आदर्शों की नींव पर ही आधुनिक भारत का निर्माण हो रहा है। हमारे दूरदर्शी राष्ट्रनायकों ने अपने विविध विचारों को राष्ट्रीयता के एक सूत्र में पिरोया था। उनकी साझा प्रतिबद्धता थी देश को दमनकारी विदेशी शासन से मुक्त कराना और भारत माता की संतानों के भविष्य को सुरक्षित करना। उन्होंने अपने कार्यकलापों से आधुनिक राष्ट्र के रूप में भारत की पहचान को मूर्त रूप प्रदान किया। राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार, राष्ट्रपति का संबोधन आकाशवाणी के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर शाम सात बजे से हिंदी में प्रसारित किया गया। उसके बाद अंग्रेजी संस्करण जारी किया गया।
15 अगस्त के लिए दिशा-निर्देश जारी
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के समारोह के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। तमाम गणमान्य लोगों से अपील की गई है कि अगर कार्यक्रम के 2 हफ्ते पहले कोरोना से संक्रमित हुए हैं तो वह इसमे हिस्सा ना लें। पुलिस ने बताया कि लाल किले पर तकरीबन 4000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। साथ ही लाल किले पर गार्ड ऑफ ऑनर में हिस्सा लेने के लिए 350 से अधिक दिल्ली पुलिस के सुरक्षाकर्मियों को भेजा गया है।
कोरोना के कारण इस बार बहुत कुछ बदला हुआ नजर आएगा
कोरोना स्वतंत्रता दिवस के जश्न के तरीके को भी बदलकर रख दिया है। पिछले साल की तरह इस बार भी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया जाएगा, इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे, मगर कोरोना की वजह से कुछ चीजें नहीं दिखेंगी और कुछ नजारे बदले हुए नजर आएंगे। शनिवार को जब लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराया जाएगा तो बहुत कुछ पहली बार दिखेगा। मसलन, हर साल की तुलना में मेहमान कम होंगे, सुरक्षा में तैनात पुलिस और सुरक्षाबल पीपीई किट में होंगे और जो भी फोटो जर्नलिस्ट होंगे, उन सभी का कोरोना टेस्ट हुआ होगा।
मेहमानों की संख्या भी कम होगी
तैयारी में जुटे गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करते हैं, वह पिछले साल के समारोह में आए मेहमानों के पांचवें भाग से घिरे होंगे। स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए आने वाले 140 मेहमानों में कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ नौकरशाह और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश शामिल होंगे। इस बार किसी भी वीआईपी के पति या पत्नी को आमंत्रित नहीं किया गया है और अधिकांश मेहमानों को प्राचीर से नीचे बैठाया जाएगा।
कोरोना गाइडलाइंस का विशेष ध्यान दिया जाएगा
शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए इस साल मेहमानों की संख्या बहुत कम रखी गई है। अधिकांश मेहमानों को प्राचीर से नीचे बैठाया जाएगा। कुछ मेहमान अपने स्वास्थ्य की चिंताओं को लेकर नहीं आ सकते हैं। इस साल समारोह के प्रोटोकॉल के अनुसार, कोई भी मेहमान अपने जीवनसाथी के साथ नहीं आएगा, न तो कोई भोजन काउंटर होगा, न कोई स्वतंत्रता सेनानी मौजूद होंगे और न ही वीआईपी के साथ कोई खुली बातचीत होगी।