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भूमिपूजन से पहले बोले आडवाणी-मेरा एक सपना पूरा होने जा रहा



राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में भाग्य से मुझे 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा के रूप में एक खास जिम्मेदारी मिली थी, जिसने देश में आकांक्षाओं, ऊर्जा और जुनून को मजबूत करने में मदद की। आडवाणी ने कहा कि कई बार बड़े और महत्वपूर्ण सपनों को पूरा होने में काफी लंबा वक्त लग जाता है, लेकिन जब भी पूरे होते हैं, इंतजार सार्थक हो जाता है।

आडवानी ने कहा कि राम मंदिर का भूमि पूजन होने से मेरा एक सपना पूरा होने जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को राम मंदिर की आधारशिला रखने जा रहे हैं। यह मेरे साथ-साथ सभी भारतवासियों के लिए ऐतिहासिक और भावुक दिन है। इस शुभ अवसर पर मैं उन सभी संतों, नेताओं और देश-विदेश के जनमानस के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में मूल्यवान योगदान और बलिदान दिया।

जब जन जन तक आडवाणी ने पहुंचाया था संदेश
राम मंदिर मुद्दे पर विहिप समेत संघ परिवार भले ही साधु-संतों व अन्य लोगों को जोड़ने में जुटा रहा हो, लेकिन लाल कृष्ण आडवाणी ने पहली बार अपनी रथयात्रा के सहारे इस मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया था। 1990 में गुजरात के सोमनाथ से आडवानी की रथ यात्रा शुरू हुई थी। तब उनकी रथयात्रा को बिहार में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रोक दिया, तब तक यह आम लोगों का मुद्दा बन चुका था।

विवादित ढांचे के विध्वंस के समय मंच पर मौजूद थे आडवाणी
1992 में अयोध्‍या में विवादास्‍पद ढांचे के विध्वंस के समय लालकृष्ण आडवाणी खुद भी पास ही मौजूद मंच पर उपस्थित थे। इसी कारण CBI ने आपराधिक साजिश में उन्हें आरोपी बनाया था। तमाम आरोपों के बीच आडवाणी ने कभी राम मंदिर निर्माण के संकल्प को पीछे नहीं छूटने दिया, बल्कि इसे बाकायदा भाजपा के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा बना दिया और 1996 में भाजपा लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई। बाद में भाजपा को अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में देश में शासन करने का मौका मिला।

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