जहॉं होंगे रामलला विराजमान, वहीं रखी जाएंगी 9 शिलाएं
अयोध्या । अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तैयारी जोरों पर हैं। यहां भूमि पूजन के लिए आधारशिला रखने की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और भूमि पूजन का प्रारंभिक कार्यक्रम सोमवार से ही शुरू हो गया है। भूमि पूजन के कार्यक्रम के लिए वाराणासी, प्रयागराज के अलावा अयोध्या के पंडित भीम मौजूद है। इससे पहले पंडित कल्किराम ने रामलला के अर्चक को पोशाक के चार सेट के साथ ध्वजा भी सौंपे हैं।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत गौरी-गणेश की आराधना के साथ 21 पुरोहित अन्य पूजन संपन्न करा रहे हैं। सोमवार को सॉलिड स्टोन की नौ शिला का पूजन किया गया। मंदिर का नक्शा पास होने के बाद जहां पर रामलला विराजमान हों, वहां की नींव के नीचे इन नौ शिलाओं की स्थापना होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि परिसर के साथ हनुमानगढ़ी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त का दिन हमारे लिए काफी गौरवशाली है। इसके महत्व को समझते हुए मैं यहां अयोध्या में कार्यों का अवलोकन करने के लिए आया हूं। अयोध्या के साथ-साथ देश और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जब प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में लगभग 500 वर्षों की इस परीक्षा के परिणाम के साथ भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखेंगे।
21 पुरोहितों ने शुरू की पूजा पाठ
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या की पांच अगस्त को आधारशिला रखी जानी है। इसके चलते पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है। 3 दिन तक चलने वाला श्रीराम मंदिर भूमि पूजन का अनुष्ठान सोमवार से शुरू हुआ है। गौरी गणेश पूजन के साथ श्री राम जन्मभूमि में अनुष्ठान सोमवार से शुरू हुआ है। 3 अगस्त से ही पूजन उत्सव का शुभारंभ हो चुका है।
हिंदू परंपरा के मुताबिक ही पूजन उत्सव का आरंभ सबसे पहले गणपति की स्तुति से हुआ है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव जी महाराज ने गणेश स्तुति के माध्यम से पूजन उत्सव की शुरुआत की। अब दो तक अयोध्या पूरी तरह से राममय रहेगी। कोरोना संक्रमण की वजह से यहां भव्य आयोजन और पूजन उत्सव में रामभक्तों की सहभागिता उतनी नहीं हो पाई, जैसी आम दिनों में होती। सभी रामभक्त अपने घरों में ही इस आयोजन से जुड़े अनुष्ठान कर रहे हैं।