श्री राम मंदिर की नींव में लगेगी उज्जैन-ओमकारेश्वर की मिट्टी, मॉं नर्मदा का जल
अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण की आधारशीला 5 अगस्त को रखी जाएगी। मंदिर की नींव में रखे जाने वाले कलश में तीर्थ नगरी उज्जैन-ओंकारेश्वर की मिट्टी और नर्मदा-शिप्रा नदी का पवित्र जल भी होगा। मिट्टी और जल एकत्र कर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने अयोध्या के लिए रवाना भी कर दिया है।
वीएचपी मालवा प्रांत अध्यक्ष कांतिभाई पटेल ने बताया कि कुछ दिनों पहले परिषद की केंद्रीय समिति ने संपर्क कर उज्जैन और ओंकारेश्वर की मिट्टी और जल भेजने के लिए कहा था। हमने दोनो नगरों की मिट्टी और जल एकत्र कर अयोध्या पहुंचा दिया है। 5 अगस्त को जब भूमिपूजन होगा तो परिषद के पदाधिकारी घरों में भगवा पताका लगाएंगे और हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
भूमिपूजन के दौरान भजन कीर्तन करें और रात में घरों पर दीपक जलाएं
शहरवासियों से भी इस बारे में यह आग्रह किया जाएगा कि वे कोरोना महामारी के कारण अपने-अपने घरों में रहकर भूमिपूजन के दौरान भजन कीर्तन करें और रात में घरों पर दीपक जलाएं।
देशभर के तीर्थ क्षेत्रों की मिट्टी और पवित्र नदियों के जल का उपयोग
वीएचपी अध्यक्ष वीएस कोकजे ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि देशभर के तीर्थ क्षेत्रों की मिट्टी और पवित्र नदियों के जल का उपयोग भूमिपूजन में होगा। ज्योतिर्लिंग महाकाल और ओंकारेश्वर का मिट्टी भी इसके लिए मंगाई थी।
महाकाल को चढ़ने वाली भस्म भेजेंगे
महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने बताया कि महंत विनीतगिरिजी के माध्यम से भगवान महाकाल की भस्म अयोध्या भेजी जा रही है।