भारत में विकसित हुआ न्यूमोनिया का पहला टीका, DGCI ने दी मंजूरी
नई दिल्ली: देश में वैक्सीन (Vaccine) की रिसर्च को लेकर एक अच्छी खबर आई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी है कि देश में न्यूमोनिया का एक टीका विकसित किया गया है. खास बात है कि इस वैक्सीन का पूरा डेवलपमेंट हमारे देश में ही किया गया है.
मंत्रालय ने कहा कि पूरी तरह से देश में विकसित न्यूमोनिया के इस पहले टीके को भारत के औषधि महानियंत्रक DGCI से भी मंजूरी मिल गयी है.
पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने क्लिनिकल ट्रायल के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के आंकड़े विशेष विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की मदद से डीसीजीआई को उपलब्ध कराए थे. डीजीसीआई ने आंकड़ों की समीक्षा की और इसके बाद और 'न्यूमोकोकल पॉलीस्काराइड कॉजुगेट टीके' को बाजार में उतारने की अनुमति दे दी.
बता दें कि यह टीका इंजेक्शन की मदद से लगेगा. मंत्रालय ने बताया कि इस टीके का उपयोग न्यूमोनिया से बचाव के लिए बड़े पैमाने पर किया जाएगा.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने डीसीजीआई से टीके के पहले, दूसरे और तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल भारत में करने की मंजूरी ली थी. इसका ट्रायल गाम्बिया में भी हुआ था. ट्रायल के सभी चरण पूरे करने के बाद कंपनी ने टीका बनाकर उसे बेचने की अनुमति मांगी थी.
मंत्रालय ने बताया कि विशेष विशेषज्ञ समिति ने टीके के उत्पादन और बिक्री की अनुमति देने की सलाह दी थी. इसके आधार पर 14 जुलाई को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को इसकी अनुमति दे दी गई.