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मुनाफा कमाने के लिए बना रहे घटिया मास्‍क, कैसे होगी कोरोना से सुरक्षा



 नई दिल्ली। CoronaVirus Face Mask: कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए फेस मॉस्क सबसे सरल और सस्ता उपाय है। इसके पहनने से संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है, लेकिन फेस मास्क भी अब मुनाफाखोरी की भेंट चढ़ गया है। इससे लोगों की जान खतरे में पड़ गई है। बाजार में ऐसे मास्क मनमाने दाम पर धड़ल्ले से बिक रहे हैं, जो कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर नहीं हैं। चिंताजनक बात यह है कि इस पर निगरानी और नियंत्रण नहीं दिख रहा।

जानकार बताते हैं कि ऐसे घटिया गुणवत्ता वाले मास्क में स्पनबांड कपड़े का उपयोग हो रहा है, जो कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर नहीं है। इस कपड़े से प्रति मास्क बनाने की कीमत एक रुपए आ रही है। यही मास्क फुटपाथ से लेकर दुकानों में 10 से 20 रुपए में बिक रहा है। अच्छे सर्जिकल मास्क में मेल्ट ब्लॉन कपड़े का उपयोग होता है। दरअसल मेल्ट ब्लॉन कपड़े के दाम में इन दिनों भारी उछाल आया है, इसलिए कंपनियां इस कपड़े का उपयोग नहीं कर रही। फरवरी में जो मेल्ट ब्लॉन 300 रुपए प्रति किलो मिल रहा था, जबकि अब इसकी कीमत 5700 रुपए प्रति किलो हो गई है।

ओखला में चिकित्सकीय उपकरण बनाने वाले एक उद्यमी ने बताया कि सर्जिकल मास्क बनाने में मुख्यतः नॉन वोवन कपड़े का इस्तेमाल किया जाता है और मेल्ट ब्लॉन कपड़े का अस्तर लगाया जाता है। इसकी लागत 6 से 7 रुपए आती है। लेकिन कमाई अधिक करने के चक्कर में मास्क बनाने वालों ने मेल्ट ब्लॉन कपड़े का इस्तेमाल कम कर दिया है या नहीं कर रहे हैं। चूंकि ऐसा मास्क कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में प्रभावी नहीं है, इसलिए लोगों की जान पहले से ज्यादा खतरें में है।

हालांकि प्रशासन ने थ्री लेयर सर्जिकल मास्क की कीमत 10 रुपए और टू लेयर मास्क की कीमत 8 रुपए तय की थी। यह अलग बात है कि इस दर पर गुणवत्ता वाले सर्जिकल मास्क कहीं उपलब्ध नहीं हैं।

निर्माण में मानकों का ध्यान
यमुनापार में गांधी नगर, झिलमिल और पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र में बड़े स्तर पर मानकों की अनदेखी कर मास्क बनाने में लोग लगे हैं। दिल्ली फैक्ट्री एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्रीकुमार माहेश्वरी ने कहा कि इसे बनाते समय किसी भी तरह की सावधानी नहीं बरती जा रही है। वर्करों के हाथों को बिना सेनेटाइज कराए और बिना दस्ताने पहनाए औद्योगिक इकाइयों में मास्क का निर्माण हो रहा है। बनने के बाद संक्रमण मुक्त भी नहीं कराया जाता है।

सर्जिकल मॉस्क को लेकर उठ रहे सवाल
तिलक नगर स्थित नगर निगम अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत डॉ. संदीप दहिया कहते हैं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए केएन 95 व एन 95 मास्क ही सर्वश्रेष्ठ हैं। सर्जिकल मास्क कोरोना से बचाव में कारगर नहीं है। ये सामान्य संक्रमण व धूल-मिट्टी से ही लोगों को सुरक्षित रख सकता है। एन 95 मॉस्क मुख्य रूप से आयात हो रहा है। वहीं केएन 95 का उत्पादन होने लगा है। इसकी बिक्री से जुड़े लोगों के मुताबिक पहले इसकी लागत तकरीबन 50 रुपए थी जो उत्पादन बढ़ने और लॉकडाउन के बाद सामानों की उपलब्धता के बाद घटकर 35 रुपए रह गई है। तो भी इसे अब भी 100 रुपए से लेकर 200 रुपए तक में बेचा जा रहा है। जबकि एन 95 मास्क 150 से 250 रुपए में बेचा जा रहा है।

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