Indian Chamber of Commerce के कार्यक्रम को पीएम मोदी ने किया संबोधित, कहा- बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के सालाना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं। कहीं बाढ़ की चुनौती, कहीं चक्रवाती तूफानों का कहर, कहीं ओलावृष्टि, कहीं असम में तेल के कुएं में आग, कहीं छोटे-छोटे भूकंप हैं। कभी-कभी समय भी हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है। कई बार अनेक कठिनाइयां, अनेक कसौटियां एक साथ आती हैं। लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है।
पढ़िए पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
हमारे यहां कहा जाता है- मन के हारे हार, मन के जीते जीत, यानि हमारी संकल्पशक्ति, हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर कम ही आते हैं।
5 वर्ष से निरंतर देश की सेवा करना, किसी भी संस्था या संगठन के लिए अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है। ICC ने पूर्वी भारत और नॉर्थ ईस्ट के विकास में जो योगदान दिया है, विशेषकर वहां की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को, वो भी ऐतिहासिक है।
ICC ने 1925 में अपने गठन के बाद से आज़ादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है और भारत की Growth Trajectory का भी आप हिस्सा रहे हैं। अब इस बार की ये AGM एक ऐसे समय में हो रही है, जब हमारा देश Multiple Challenges को Challenge कर रहा है।
देश में तेजी से फैसले कोरोना वायरस, अर्थव्यवस्था के लॉकडाउन पर असर के बीच पीएम मोदी के संबोधन पर पूरे देश की नजर रहेगी। बता दें, कोरोना काल में पीएम मोदी अपने संबोधनों के जरिए देश को अपनी आगे की रणनीति के बारे में संकेत देते रहे हैं। अभी सरकार का पूरो फोकस कोरोना संक्रमण को रोकना और छूट देकर अर्थव्यस्था को फिर से पटरी पर लाना है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के कार्यक्रम में कही थे ये बातें
इससे पहले पीएम मोदी ने 2 जून को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के वार्षिक सत्र को संबोधित किया था। अपने इस संबोधन में पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशों के बारे में बताया था। पीएम ने कहा था, हमें एक तरफ देशवासियों का जीवन बचाना है तो दूसरी तरफ देश की अर्थव्यवस्था को भी स्थिर करना है। इस स्थिति में आपने “Getting Growth Back” की बात शुरू की है और निश्चित तौर पर इसके लिए आप सभी, भारतीय उद्योग जगत के लोग बधाई के पात्र हैं। बल्कि मैं तो Getting Growth Back से आगे बढ़कर ये भी कहूंगा कि Yes ! We will definitely get our growth back. (हां, हम अपनी विकास दर दोबारा हासिल कर लेंगे)।