सरकार के हस्तक्षेप के बाद N95 मास्क के दाम 47 प्रतिशत घटे
सरकार के हस्तक्षेप के बाद देश के प्रमुख निर्माताओं तथा निर्यातकों ने N95 मास्क की कीमतों को 47 प्रतिशत तक कम कर दिया है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (NPPA) ने 21 मई 2020 को सभी कंपनियों से N95 मास्क की कीमत को युक्तिसंगत रखने को कहा था। सरकार ने सोमवार को कहा कि देश में अच्छी गुणवत्ता के मास्क की पर्याप्त उपलब्धता और आम लोगों तक उसकी पहुंच के मद्देनजर यह कदम उठाया गया।
बाजार में पहले N95 मास्क 150 से 300 रुपये के बीच बेचे जा रहे थे। सरकार के हस्तक्षेप के बाद इनकी कीमतें कम हुई हैं। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि N95 मास्क की ऊंची कीमत के मसले के समाधान के लिए NPPA ने कदम उठाया और यह सुनिश्चित किया कि वह देश में आम लोगों को सस्ती दर पर उपलब्ध हो। सरकार ने N95 मास्क को अनिवार्य वस्तु अधिसूचित किया है और इसे आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत रखा है।
एनपीपीए ने 21 मई को सभी निर्माताओं/आपूर्तिकर्ताओं को एन95 मास्क की गैर सरकारी खरीद के लिए मूल्य एक समान और युक्तिसंगत रखने की सलाह दी थी। एनपीपीए ने बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष भी कहा कि वह देश में एन95 मास्क की मांग और आर्पूति में अंतर को देख रहा है और उसने निर्माताओं, आयातकों और सप्लायरों को स्वेच्छा से दाम कम करने की सलाह दी है। कोरोना संक्रमण से बचाव के इस महत्वपूर्ण उत्पाद के दाम तय करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान एनपीपीए ने यह बात कही थी।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत ने पीपीई और N95 मास्क की उत्पादन क्षमता में वृद्धि की है और रोज दोनों की तीन-तीन लाख इकाइयों का निर्माण हो रहे है। इसके साथ ही इनकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा रही है। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्रीय संस्थानों को 11.08 लाख एन95 मास्क और 74.48 लाख पीपीई प्रदान किए गए हैं।