अयोध्या में राम मंदिर के लिए खुदाई के दौरान मिल रहे प्राचीन मंदिर के अवशेष
अयोध्या में रामजन्मभूमि स्थल पर समतलीकरण का काम चल रहा है। 11 लोग इस काम में लगे हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। इनमें कलश, 1 दर्जन से अधिक पाषाण स्तंभ जिन पर मूर्तियां बनी हुई हैं। साथ ही बड़ी मात्रा में देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, नक्काशीदार शिवलिग, प्राचीन कुआं और चौखट आदि शामिल हैं। समतलीकरण का यह काम 11 मई से शुरू हुआ था, जो रामलला के मूल गर्भगृह के आसपाल चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ऐतिहासिक फैसला: बता दें, 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम फैसला ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पूरी जमीन पर रामलला का अधिकार दिया था। इस फैसले के साथ ही साफ हो गया था कि जिस गर्भगृह में रामलला विराजमान थे, वहां विक्रमादित्य युगीन मंदिर था।
अब हो गई पुष्टि: अब समतलीकरण के दौरान मंदिर के अवशेष मिले हैं। हालांकि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि ये अवशेष विक्रमादित्य युगीन मंदिर के हैं या बाद में बने किसी मंदिर के। रामजन्मभूमि परिसर में विक्रमादित्य युग के मंदिर के साथ कई अन्य मंदिरों के अवशेष दफन होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
इन अवशेष में 7 ब्लैक टच स्टोन का समीकरण कसौटी के स्तंभ से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जाता है कि विक्रमादित्य ने 2000 वर्ष पूर्व जिस मंदिर का निर्माण कराया था, वह कसौटी के ऐसे ही स्तंभों पर टिका था।
साकेत महाविद्यालय में प्राचीन इतिहास विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कविता सिंह के अनुसार, यह पहले से ही तय है कि रामजन्मभूमि परिसर में स्वर्णिम अतीत की भरी-पूरी पटकथा समाहित है और वह धीरे-धीरे सामने आएगी। माना जा रहा है कि जैसे-जैसे कार्य आगे आगे बढ़ेगा, और प्रमाण मिलेंगे।